वास्तु दोष को शांत करने वाले मंत्र -VASTU MANTRA IN HINDI


Vastu Mantra in Hindi – कभी कभी ना चाहते हुए भी घर बनाते समय वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है | यह दोष घर के सभी सदस्यों पर भारी पड़ता है | दुर्भाग्य , बीमारी और चिढचिढ़ेपन से सभी दुखी रहते है | हमें अति शीघ्र इस वास्तु दोष को दूर करना चाहिए |

vastu dosh ko shant karne wale mantra

 वास्तु शास्त्र में वास्तु दोष निवारण यन्त्र की स्थापना करके नित्य पूजा करे | इससे वास्तु दोष के कारक शांत होते है | इस आलेख में हम वास्तु दोष को दूर करने वाले मंत्र और जप विधि आपके लिए लाये है |

वास्तु दोष दूर करने वाले 8 मंत्र

Vastu Dosh Mantra 

उत्तर दिशा से वास्तु दोष कम करने का मंत्र

हमारे सनातन धर्म में उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की बताई गयी है | यदि इस दिशा में वास्तु दोष है तो धन की कमी और अनावश्यक खर्च बढ़ जाते है | इस आर्थिक नुकसान से बचने के लिए कुबेर को प्रसन्न करे |

मन्त्र है : ॐ कुबेराय नमः और ॐ बुधाय नमः

दक्षिण दिशा से दोष शांति मंत्र

शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा यमराज और नवग्रहों में मंगल की होती है | यदि घर के दक्षिण में वास्तु दोष है तो आप मंगल यन्त्र को स्थापित करे और मंगल दोष निवारण उपाय काम में ले |

मन्त्र है : ऊँ अं अंगारकाय नमः और यम देवता के लिए ॐ ऊँ यमाय नमः

आग्नेय दिशा (दक्षिण-पूर्व) दोष दूर मंत्र

यह दिशा अग्नि कोण की मानी जाती है | घर के इस भाग में जल तत्व नही अग्नि जरुर होनी चाहिए | वास्तु शास्त्र में रसोई के लिए यह जगह सबसे अच्छी है | यदि इस दिशा में वास्तु का दोष है तो फिर आप अग्नि देव और शुक्र देव को प्रसन्न करने वाले मंत्र का जप करे |

मंत्र : ऊँ अग्नेय नमः और ॐ ऊँ शुं शुक्राय नमः

Mantra Jap for vastu dosh


ईशान (उत्तर-पूर्व ) दिशा मंत्र

इस दिशा के देवता महादेव है और स्वामी है देवताओ के गुरु बृहस्पति | आप इस दिशा के वास्तु दोष को दूर करने के लिए शिव और बृहस्पति देव को प्रसन्न करे |

शिव और बृहस्पति मंत्र : ॐ नमः शिवाय और ऊँ बृं बृहस्पतये नमः

नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) दिशा

घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा को राहु की दिशा माना गया है | यदि इस दिशा में दोष होता है तो अकस्मात दुर्घटना हो सकती है | राहु के मन्त्र जप से आप वास्तु दोष को कम कर सकते है |

मंत्र : ऊँ नैऋताय नमः और ऊँ रां राहवे नमः

पश्चिम दिशा दोष मुक्ति मंत्र

वरुण देव और सूर्य पुत्र शनिदेव को इस दिशा का स्वामी माना जाता है | वास्तुशास्त्र में पश्चिम दिशा से दोष मुक्ति के लिए आप इन देवताओ के मंत्र का नित्य जप करे |


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