पूजा में आरती का महत्व क्या है

Pooja Me Aarti Ka Mahtav Kya Hai मंदिर चाहे घर में हो या घर के पास , मंदिर चाहे छोटा हो या बड़ा , हर धार्मिक स्थल पर आरती की महत्ता होती है | ईश्वर की पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है | अत: पूजा करने से पहले आरती की थाली जरुर सजा लेनी चाहिए | आरती करते समय शंख या घंटी की ध्वनि का प्रयोग करना अच्छा माना जाता है |

Puja me Aarti ka mahtav

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आरती का अभिप्राय :

Significant and Importance of Aarti in Worship . आरती में कुछ पंक्तिया के द्वारा अपने ईश्वर की जयजयकार और उनकी महिमा का गान किया जाता है | उनकी महिमा , महानता , करुणामई सदाचार , दया आदि से गुणगान किया जाता है | और अंत में भक्त अपने लिए अपने परिवार के लिए सुख शांति की विनती करते है |

माना जाता है की ईश्वर की आराधना का सबसे सरल विधि आरती ही है | मंत्रो में नियम होते है ,तरीके होते है पर आरती तो सिर्फ मन से की जाती है | आरती करने वाले और देखने वाले को समान शांति प्राप्त होती है |\

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आरती में शंख और घंटी की ध्वनि से मन शुद्ध होता है , अग्नि के दीपो से इष्टदेवता की गयी आरती सबको दिखाई जाती है जिसकी लो से सभी भक्त सर पर फिरा कर आशीष लेते है | आरती के बाद पूजन कलश से पानी सभी भक्तो पर छिटका जाता है जो शुद्ध का परिचायक है | इस जल से पहले देवता की आरती उतारी जाती है जिससे यह अभीमंत्रित हो जाती है और फिर आप पर भी इसके छीटे कृपा बरसाते है . 

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आरती से जुड़े जरुरी नियम 

🔵 1. आरती शांत मन से करनी चाहिए , यदि आपको आरती नही आती तो भी ध्यान से सुनना चाहिए . आरती के दौरान बाते ना करे और ना ही दुसरो का ध्यान हटाये .

🔵 2. आरती करते समय यह ताली बजाये तो बहुत अच्छा होता है . 

🔵 3. आरती करते समय थोडा झुक कर रहे जिससे आपकी विन्रमता दिखाई दे . 

🔵 4. आरती में काम में लिए गये दीपक को कभी भी जमीन पर ना रखे , उसे या तो थाली में या फिर किसी आसन में ही रखे . 

🔵 5. शास्त्रों में बताया गया है की भगवान का दीपक या तो शुद्ध घी का हो या फिर तिल का . 

🔵6. आरती करते समय थाली को  क्लॉक वाइज ही घुमाना चाहिए जो आरती उतारने की सही दिशा होती है . 

🔵 7. जहाँ तक हो सके आरती खड़े होकर ही करनी चाहिए . 

🔵 8. आरती में काम आने वाले दीपक में घी और बाती को इस तरह रखे कि यह आरती के बीच में छोटा ना हो (बुझे नही  ) . 

 🔵 9. आरती के बाद पूजा में विशेष तरह के फूलो से ही मंत्र पुष्पांजलि देनी चाहिए .  मंत्र है 

ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् ।ते ह नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा: ॥

सारांश 

  1.  तो मित्रों पूजा में आरती का क्या महत्व होता है . क्यों हम देवी देवताओ की आरती उतारते है . आरती से जुड़े मुख्य नियम क्या है . हमने आपको विस्तार से इस आर्टिकल में बताने की कोशिश की है .  आशा करता हूँ की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा . 

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