क्यों भगवान शिव को सावन अत्यंत प्रिय है

Kyo Bhagwaan Shiv Ko Priya hai Sawan || Saawan Shiv Poojan 

सावन में शिव पूजा का महत्व ||   हिन्दू धर्म (Hinduism) में बहुत सारे आराध्य देव और देवी है | इन सभी के अपने अपने पसंदीदा दिन , पूजा विधि , भोग प्रसादी , पुष्प है | भगवान विष्णु को जैसे एकादशी पसंद है वैसे ही भोलेनाथ के प्रिय दिनों में महाशिवरात्रि , प्रदोष ,  सावन के सोमवार , फिर हर महीने आने वाली शिवरात्रि और हर सप्ताह आने वाले सोमवार है |

shiv ko kyo pasand hai sawan maas


भोले बाबा के भक्तो के लिए ये दिन उनकी पूजा अर्चना के लिए विशेष महत्त्व रखते है | उनकी ठोस मान्यता है की इन दिनों में भोले बाबा की पूजा अधिक सार्थक होती है और फल की प्राप्ति होती है |

क्यों शिव को सावन का महिना अति प्रिय है ?

पुराणों और धर्मग्रंथो को उठा कर देखे तो भोले बाबा की पूजा के लिए सावन के महीने की महिमा का अत्यधिक महत्व है | इस महीने में ही पार्वती ने शिव की घोर तपस्या की थी और शिव ने उन्हें दर्शन भी इसी माह में दिए थे और पार्वती जी की इच्छा को पूरा कर उन्हें जीवन संगिनी चुना | तब से भक्तो का विश्वास है की इस श्रावण  महीने में शिवजी की तपस्या और पूजा पाठ से शिवजी जल्द प्रसन्न होते है और जीवन सफल बना कर हर मनोकामना पूर्ण करते है |

शिवलिंग पूजा पाठ सावन मास


शिव मंदिर में भोले के मनोहर श्रंगार और जयकारे :

सावन के महीने में हर शिवालय में बाबा भोलेनाथ का विशेष श्रंगार किया जाता है | बड़ी बड़ी शिव भक्तो की कतारे अपने प्रिय शिव के दर्शन करने मंदिरों में उमड़ती है | भोले के जयकारो से शिवालय गुंजायमान हो जाते है | बम बम भोले , ॐ नमः शिवाय , बोल बम ताड़क बम के हर दिशा में जयकारे सुनाई देते है | सावन के सभी सोमवारों की महिमा शिवरात्रि के दिन से कम नही है | इन सोमवार के दिनों में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना अति मंगलमय है |

इस महीने में पुरे दिल से शिव भक्ति करने से आपके सभी कष्टों का समाधान हो जायेगा और आपकी सभी मंगल कामनाये पूर्ण हो जाएगी |

श्रावण सोमवार के व्रत का महत्व 

शिव भक्त सावन में आने वाले चार या पांच सोमवार को व्रत भी रखते है . वे एक ही समय भोजन करते है और श्रावण माहात्म्य और शिव महापुराण की कथा सुनने का विशेष फल प्राप्त होता है . भगवान शिव के मंत्रो का जाप किया जाता है . 

शिव कांवड़ियों की धूम :

सावन के महीने में शिव भक्त कांवड़िया लेकर भोले का अभिषेक करने निकालते है | यह यात्रा सावन के महीने में अति रोचक और आनंदायक होती है | वे लोग पवित्र तीर्थ स्थलों से जल भरकर शिव जी का अभिषेक करते है और बोल बम ताड़क बम के जयकारो से दिशाओ को गुंजायमान करते है . 

शिवलिंग पर भांग धतुरा चढ़ाया जाता है जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय और प्रसन्न करती है . 

सारांश 

  1.  तो दोस्तों इस आर्टिकल में आपने जाना कि सावन मास में शिव पूजा का क्या महत्व है  . क्या है इसके पीछे के पौराणिक कारण , कैसे करे श्रावण मास में शिव पूजा आदि  .  आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी .

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