रुद्राक्ष के प्रकार और मुख और मिलने वाला लाभ

Type of Rudraksh and Benefits of it .

रुद्राक्ष का अत्यंत महत्व है हमारे सनातन धर्म में | इसे शिव का आभूषण माना गया है और साधना में सिद्धियाँ दिलवाने वाला माना गया है | रुद्राक्ष की उत्पति की कहानी बताती है की यह पेड़ शिव के आंसू से बना है | ध्यान रखने वाली बात है की आप जब भी यह खरीदे , सही रुद्राक्ष ही खरीदे | 

मार्केट में डुप्लीकेट रुद्राक्ष बहुत मात्रा में है जो आपको ठग सकते है अत: सही और सार्थक रुद्राक्ष को जानकर ही रुद्राक्ष ख़रीदे और काम में लेना चाहिए . 

रुद्राक्ष के प्रकार

रुद्राक्ष का मुख क्या होता है ? 

रुद्राक्ष को मापने के लिए उसके मुख को देखा जाता है . यह मुख उस रुद्राक्ष में उभरी धारियां ही होती है . यदि रुद्राक्ष में एक ही धारी है तो वो एक मुखी कहलाता है और यदि उसमे 10 धारियाँ है तो वो दसमुखी रुद्राक्ष कहलाता है .  रुद्राक्ष में जितनी ज्यादा धारियाँ उतना ही ज्यादा मुखी हो जाता है . सबसे उत्तम एक मुखी रुद्राक्ष को माना गया है जो एक काजू के आकार का होता है . 

रुद्राक्ष के प्रकार और महत्व

किस मुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व

आइये जानते है कि रुद्राक्ष के प्रकार कौनसे है और कितने मुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व है . एक मुख से लेकर 14 मुख तक रुद्राक्ष आते है . 

  •  एक मुखी रुद्राक्ष सबसे चमत्कारी माना जाता है जो सर्व सुख देने की शक्ति रखता है ।
  •  दो मुखी शिव पार्वती रूप है, जो इच्छित फल, मानसिक शांति देता है।
  •  तीन मुखवाला रुद्राक्ष त्रिदेवरूप है जो विद्या और सिद्धियाँ देता है।
  •  चार मुखी ब्रह्मरूप है, जो चतुर्विध फल देता है।
  •  पंचमुखी रुद्राक्ष पंचमुख शिवरूप है, जो सब पापों को नष्ट करता है।
  •  छः मुखी रुद्राक्ष  भगवान कार्तिक स्वामी का साक्षात्  रूप है माना गया है | यह बुराई का नाश कर ऋद्धि – सिद्धि देने वाला है ।
  •  सात मुखी अनन्त नाम से जाना जाता है , यह दरिद्रता दूर कर अपार धन दिलाने में सहायक है । इसे सप्तऋषियों का स्वरुप माना गया गया है । इसे धारण करने वाला असीम ज्ञान का धारक बनता है । 
  •  आठ मुखी रुद्राक्ष वास्तु की आठ दिशाओं और आठ सिद्धियों का नेतृत्व करता है। इसे अष्‍टमूर्ति भैरवरूप माना गया है | यह धारण करने से शत्रु परास्त होते है और मनुष्य अभय हो जाता है |
  •  नौ मुखी भैरव वह कपिल स्वरूप है ।, जो मनुष्य को सर्वेश्वर बनाकर शिव कृपा दिलवाता है ।
  •  दशमुखी विष्णु रूप है। यह समस्त कामनाओ को पूर्ण करता है |
  •  ग्यारह मुखी एकादश रुद्ररूप है, जो जीत दिलवाता है |
  •  बारह मुखी द्वादश आदित्य रूप है,यह आपकी कीर्ति यश को जगत में सूर्य की तरह बढाता है |
  •  तेरह मुखी रुद्राक्ष विश्वरूप है, जो सौभाग्य मंगल देता हैं।
  •  चौदह मुखी परम शिव  रूप है, जो धारण करने से शांति देता है और पापो से मुक्ति करवाता है ।

 मुझे कितने मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आप यदि कोई रुद्राक्ष धारण करना चाहे तो पहले किसी ज्ञानी पंडित को अपनी कुंडली दिखाए . आपकी राशि और नक्षत्रो के अनुसार आपको वो बता देंगे कि आपको कितने मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए और उससे जुड़े नियम क्या है . 

सारांश 

  1. शिव आभूषण रुद्राक्ष के कितने प्रकार होते है और किस मुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व है . हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है . 


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