शिवजी को श्राप मिला इसलिए कटा गणेश का सिर


Saint Curse Shiva . गणेश पुराण में बताया गया है की विध्नो को दूर करने वाले भगवान श्री गणेश का सिर एक श्राप के कारण अलग हुआ था | पुराणों का गहन अध्यन करने से एक बात पता चलती है कि हर चीज का कोई ना कोई कारण जरुर होता है और उसके पीछे कोई जरुरी बात छिपी रहती है . यही कारण था कि महादेव के हाथो उनके ही पुत्र का सिर विच्छेद हुआ .

क्या खंडित शिवलिंग की पूजा की जा सकती है ?

गणेश का सिर शिवजी के श्राप के कारण कटा

आइये जानते है इसके पीछे की पौराणिक कथा :

एक बार भगवान शिव शंकर ने अपने क्रोध में आकर सूर्य देवता को अपने त्रिशूल से मार गिराया | इस कारण इस समस्त संसार में अंधकार छा गया | सूर्य के पिता महर्षी कश्यप सूर्य को अपनी गोद में लेकर विलाप करने लग गये | पुत्र की ऐसी हालत देखकर उन्हें महादेव पर अत्यंत क्रोध आया . उन्होंने शिवजी को श्राप तक दे दिया की जिस तरह वो आज अपने प्रिय के शरीर पर विलाप कर रहे है उसी तरह आप भी एक दिन यह दिन देखेंगे | श्राप पाकर शिवजी को ओर भी अधिक क्रोध आ गया पर तभी ब्रह्माजी प्रकट हो गये और शिवजी की स्तुति करके उन्हें शांत करने लगे | ब्रह्माजी ने विनती की हे आशुतोष भगवान, "आप तो साक्षात् करुणा के सागर है अत: आप पुनः सूर्य को जीवन दान देकर इस समस्त संसार का अंधकार दूर कर दे |"

घर में रखे शिवलिंग की पूजा से जुड़े नियम

भोलेबाबा ब्रह्माजी की स्तुति से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य को पुनः जीवन दान दे देते है | यह देखकर सूर्य के पिता कश्यप जी अति प्रसन्न होते है पर उनका दिया गया श्राप वे वापिस लेने में असमर्थ होते है |

इस तरह फिर एक बार इसी श्राप के कारण महादेव के सामने ऐसी अवस्था बन गयी कि उन्हें श्री गणेश की गर्दन काटनी पड़ी और फिर एक हाथी के बच्चे की गर्दन उनके धड पर लगानी पड़ी .

त्रिपुंड तिलक क्या है और इसे लगाने की विधि और फायदे

शिव को प्रिय है ये 12 चीजे , शिवलिंग पर जरुर करे अर्पित

Conclusion (निष्कर्ष ) 

तो दोस्तों इस आर्टिकल से पता चलता है कि वैदिक समय में ऋषि मुनि इतने शक्तिशाली होते थे कि उनके तप बल के कारण उनके श्राप महादेव तक को झेलने पड़े थे . इसी श्राप के कारण ही महादेव के काटो गणेश जी की गर्दन कटी थी . 

आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा . 

Post a Comment

Previous Post Next Post