भगवान गणेश के अलग अलग प्रसिद्ध नामो का अर्थ

Ganesh Ji Ke Prasidh Naam Aur Arth .  गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं।

ganesh naam ke arth



इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं। उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपासना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतेय कहलाते है। ऐसा भी वर्णन मिलता है कि गणेश जी कृष्ण भगवान के अवतार है जिनको पुत्र रूप में पाने के लिए पार्वती और शिवजी ने तपस्या की थी . 

गणेश जी का प्रिय वार बुधवार को बताया गया है और बुधवार के पूजा के उपाय गणेश जी को प्रसन्न करते है

भगवान गणेश के मुख्य नाम और अर्थ 

1- एकदंत

भगवान गणेश कैसे बने एकदंत , इसे लेकर पुराणों में कई अलग अलग प्रसंग है | कही बताया गया है भगवान परशुराम के फरसे के वार से गणेश जी का एक दांत टूट गया था | कही बताया गया है की यह दांत स्वयं गणेश जी ने तोडा है क्योकि उन्हें वेद व्यास जी महाभारत लिखनी थी . कुल मिलकर गणेश जी के हाथी वाले मुख में एक ही दांत है अत: इन्हे एकदन्त कहते है . 

2- लंम्‍बोदर

भगवान श्रीगणेश लंबे पेट वाले और खाने के बड़े ही शौकिन हैं। उनके पेट में सब कुछ समाया हुआ है। इसलिए उन्‍हें लंम्‍बोदर के नाम से जाना जाता है। एक प्रचलित कथा में एक बार उन्होंने अपनी भूख से धन के देवता कुबेर का घमंड भी चकनाचूर कर दिया था . 

3- विनायक

श्री गणेश एक न्‍याय प्रिय देवता है। वो अपने भक्‍तों के साथ हमेशा न्‍याय करते हैं। इसलिए उन्‍हें विनायक नाम से भी पुकारा जाता है।

4- गजानन 

जब भगवान शंकर ने उनके कटे हुए सर जी जगह हाथी का मुख लगाया था इसके बाद से उन्‍हें गजानन  के नाम से जाना जाता है। गज का अर्थ होता है हाथी और आनन का अर्थ होता है मुख तो गजानन का अर्थ हाथी वाला मुख हुआ . 

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5- विघ्‍ननाशक

श्री गणेश प्रथम पूज्‍य देवता तो हैं ही साथ ही वो विघ्‍नों का नाश करने वाले हैं। इसलिए उनके भक्‍त उन्‍हें विघ्‍नहर्ता या विघ्‍ननाशक के नाम से बुलाते हैं।

6- गणाध्यक्ष गणपति

गणेश जी को सभी गणों का अध्यक्ष या पति (पालन करने वाला ) बताया गया है | इन्होने कई बार देवताओ की दानवों के विरुद्ध रक्षा की है | उन्होंने कई बार अवतार लेकर बुरी शक्तियों को खत्म किया है . 

7-वक्रतुण्ड

वक्र काअर्थ है मुड़ी हुई और तुण्ड का अर्थ है सूंड | गजानन  के हाथी का मुख होने के कारण उनकी सूंड मुड़ी हुई है | इसी कारण उन्हें वक्रतुण्ड भी कहा जाता है |

7- महाकाय 

महाकाय का अर्थ होता है विशाल शरीर वाला . गणेश जी अष्ट सिद्धि नव निधि के मालिक है अत: ये अपने रूप को कितना भी बढ़ा सकते है . यही कारण है कि इन्हे महाकाय भी कहा जाता है . 

 Conclusion (निष्कर्ष ) 

तो दोस्तों   इस आर्टिकल में आपने जाना भगवान श्री गणेश के प्रसिद्ध नाम और उनके अर्थ . ये नाम जपने से गणपति बहुत प्रसन्न होते है और कृपा करते है . 

आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा . 

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