गणेश को मातृ पितृ भक्ति ने बनाया दिया प्रथम पूज्य

Kyo Ganesh ji Hai Pratam Pujya Devta . हम सभी जानते है की हमारे सभी मंगल कार्यो में हम सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करते है | उन्हें निमंत्रण देते है और अपने सभी कार्यो को निर्विघ्नं सम्पन्न करने की विनती करते है | इन्हे सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता का वरदान प्राप्त है | इसके पीछे दो कथाये जुडी हुई है | पढ़े : भगवान गणेश के लिए गये अवतार कौनसे है

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पहली कथा में बताया गया है की इन्हे यह वरदान इनके माता पिता भगवान शिव और पार्वती से प्राप्त हुआ | उन्होंने अपने मातृ पितृ भक्ति और सेवा में उन्हें ही अपना सर्वश्य मान कर परिक्रमा की थी  | ऐसी भक्ति और सेवा देखकर उन्हें प्रथम पूज्य होने का वरदान दिया गया | यह उन्होंने अपनी बुद्धि से किया था इसलिए गणेश जी को सबसे बुद्धिमान देवता का भी पद प्राप्त है . कहते है जो गणेश जी की पूजा करते है उन्हें अथाह बुद्धि की प्राप्ति होती है . 

विस्तार से पूर्ण कहानी :

ब्रह्मा जी जब ‘देवताओं में कौन प्रथम पूज्य हो’ इसका निर्णय करने लगे, तब यह तय किया गया कि जो पृथ्वी-प्रदक्षिणा सबसे पहले करके आएगा वही सबसे पहले पूज्य माना जाएगा। गणेश जी का छोटा सा मूषक कैसे सबसे आगे दौड़े। पर वे थे बुद्धि के महान देवता | उन्होंने युक्ति निकाली और अपने पिता और माता भगवान शंकर और पार्वती जी की प्रदक्षिणा करने लगे । उनके लिए उनके माता-पिता ही सब कुछ थे | उन्होंने सात प्रदक्षिणा कर ली। शिवजी का ह्रदय यह देखकर गदगद हो गया और आकाश से पुष्पों की वर्षा होने लगी। जाहिर है भगवान गणेश शेष देवताओं से सबसे पहले पहुंचे। उनका यह बुद्धि-कौतुक देखकर भगवान ब्रह्मा ने उन्हें प्रथम पूज्य बनाया।

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दूसरी कथा में बताया गया है की जब शिव ने गणेश का सिर काटा था तब माँ पार्वती अत्यंत रूद्र हो गयी थी | तीनो लोको में त्राहिमाम त्राहिमाम हो गया था | माँ पार्वती का अपने पुत्र गणेश का सिर देखकर क्रोध का स्तर इतना ज्यादा बढ़ गया था कि महाप्रलय आ सकता था .  सभी देवी देवता कैलाश पर एकत्रित हो गये |

 उमा ने शिव जी ने अपने पुत्र को पूण्य जीवित करने की मांग कर ली | शिव आदेश पर गणेश के कटे सिर की जगह हाथी के बच्चे का सिर लगाया गया और गणेश फिर से जीवित हो गये | तब सभी देवी देवताओ ने उन्हें लाड किया और तरह तरह के वरदान दिए | उनमे से एक वरदान प्रथम पूज्य होने का भी गणपति को प्राप्त हुआ |

इन कारणों से सबसे पहले गणेश जो याद किया जाता है तब ही सभी काम मंगल होते है . 

 Conclusion (निष्कर्ष ) 

क्यों देवी देवताओ में गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है . कैसे गणेश को यह वरदान प्राप्त हुआ कि वो प्रथम पूज्य देवता कहलायेंगे. 

आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा . 

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