किन चीजो का दान करने से मिलता है अधिक पूण्य

Kounsa Daan Sabse Accha Hota Hai हम सभी खाली हाथ आये है और खाली हाथ ही जायेंगे , जो कमाया वो सब यही रह जायेगा , पर हमारे साथ हमारे जीवन के अच्छे बुरे कर्मो का फल जरुर जायेगा . 

भगवान शिव की महिमा को बताने वाला ग्रन्थ शिव महा पुराण में बताया गया है की किन किन चीजो का दान करने से अक्षय पूण्य की प्राप्ति होती है | अपनी आमदनी का कुछ भाग जरुरतमंदो में दान करसे से अच्छे फल की प्राप्ति होती है | यदि भाग्य में दुःख लिखे है तो वे भी सुखो में बदल जाते है |

kin chijo ke daan se milta hai apaar puny

किन चीजो का करना चाहिए दान

1) नमक (Salt) : दान करने की सबसे पहली वस्तु नमक को बताया गया है | जो व्यक्ति नमक का दान करता है उसका दुर्भाग्य दूर होता है | यह भी माना जाता है की नमक के दान से उसे भविष्य में स्वादिष्ट भोजन प्राप्त होते रहते है |

2) वस्त्र (Cloth) : यदि किसी व्यक्ति के मौसम अनुसार पहनने के लिए वस्त्र नही है और आप उसे उस समय वस्त्र दान करे तो उसके दिन से निकलने वाली आपके लिए सकारात्मक आशीष आपके बुरे समय में काम आता है | अत: वस्त्र का दान करना भी मंगलकारी होता है |

3) तिल (Seasam) : तिल भगवान शिव को प्रिय है और इसका दान करना आपको अभय बनाता है | इससे आपकी उम्र में वृधि होती है |


4) घी (Clarified butter) : यदि आप घी का दान करते है तो अपने शरीर में बल किप प्राप्ति प्राप्त होती है | घी का दान आपको बीमारियों से रक्षा दिलवाता है |

5) अनाज (Grains) : शिव महापुराण के अनुसार जो व्यक्ति अनाज या आटे का दान करता है उसकी रसोई

६) गुड़ (Jaggery ) : गुड़ का दान करने से दानकर्ता को लजीज और स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति होती है |

इसके अलावा आधुनिकता को देखते हुए कुछ ऐसे भी दान बताये गये है जो बहुत ही पूण्य की प्राप्ति देने वाले है . 

पुराणों से जाने भारत के सबसे बड़े दानवीर कौन है

खून का दान :- 

मेरी नजर में सबसे बड़ा दान खून का होता है . आप जब अपना खून बल्ड कैंप में देते है तो थोड़े दिन में आपका खून उतना फिर से बन जाता है . पर आपका दिया गया खून किसी जरुरतमंद को नयी जिंदगी दे जाता है . 

इसलिए हर हष्ट पुष्ट व्यक्ति को खून का दान जरुर देना चाहिए . 


शरीर के अंगो का दान :- 

मरने के बाद इस शरीर से आत्मा निकल जाती है और शरीर किसी काम का नहीं होता , पर इसके अंग फिर भी काम में लिए जा सकते है . हमारी आँखे दान करने पर किसी के जीवन का अंधकर दूर कर सकती है .  अंग दान दो तरह का होता है . जीते जी अंग दान और मरने के बाद अंग दान . 

आपने सुन रखा होगा कि परिवार के सदस्य अपने परिवार के किसी सदस्य की किडनी खराब होने पर उसे किडनी का दान कर देते है . 

यदि आप मृत्यु के बाद अपने शरीर के अंग का दान करना चाहते है तो आपको वसीयत लिखनी होती है कि आप अपने किन अंगो का दान करना चाहते है . 


पीने के पानी की व्यवस्था :- 

यदि कोई व्यक्ति राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था कराता है जैसे प्याऊ लगवाता है तो यह भी बहुत ही उत्तम तरह का दान बताया गया है . इसके साथ पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने वाले व्यक्ति को भी बहुत अच्छे पूण्य की प्राप्ति होती है . 

सेवा का दान :-

यदि आप आर्थिक रूप से समर्थ नही है तो आप शारीरिक श्रम और अपना समय देकर भी लोगो और जीवो के लिए सेवा करके पूण्य कमा सकते है . बहुत से लोग ऐसे है जिनके पास पैसा तो है पर समय नही है , ऐसे लोगो को ऐसे लोगो की जरुरत होती है तो उनके लिए श्रम दान करे


Conclusion (निष्कर्ष ) 

तो दोस्तों आपने जाना कि हिन्दू धर्म में कौनसे दान का क्या महत्व बताया गया है . साथ ही आपने जाना कि सबसे उत्तम दान कौनसे है . इस आर्टिकल पर आपकी क्या राय है , हमें कमेंट में जरुर बताये . 

आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा . 



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