भीम का अहंकार हनुमानजी ने किया दूर

हनुमान जी ने कैसे तोड़ा भीम का घमंड ? Bheem and Hanuman Story 

हनुमान जी जो त्रेता से लेकर कलियुग से हमारे बीच में है . इन्हे अजर अमर कहा जाता है जिन्हें अमरता का आशीष खुद सीता माता ने प्रसन्न होकर दिया था . यहा हम आज द्वापर युग में आये एक प्रसंग के बारे में बताने वाले है .

hanuman ne toda bheem ghamand

यह प्रसंग द्वापर युग से है जब कौरव और पांडवो का साम्राज्य हस्तिनापुर में हुआ करता था | पांडवो में सबसे बड़े महाबली थे भीम . जो पवनपुत्र के नाम से भी जाने जाते थे | हम सभी जानते है की हनुमानजी भी पवन पुत्र थे अतः भीम और हनुमान दोनों भाई थे |

कौरव से हार के बाद वनवास झेल रहे पांडव जब बदरिकाश्रम में रह रहे थे तब एक बहूत ही सुन्दर और महक वाला सहस्त्रदल कमल द्रोपदी का मन मोह लेता है | द्रोपदी उसे उठा लेती है महाबली भीम से ऐसे ही बहूत सारे सहस्त्रदल कमल लाने की कामना करती है | 

hanuman with bheem story

 

भीम उसी दिशा में आगे बढ़ते है जिस दिशा से वो कमल आया था | चलते चलते भीम गंधमादन पर्वत की चोटी पर स्तिथ केले के बगीचे में पहुँच जाते है जिसमे उनके भाई हनुमान भी निवास करते है यह मार्ग भीम के लिए उचित नहीं था अतः वेश बदल कर हनुमानजी रास्ता रोक कर लेट जाते है | भीम अपने आप को बहूत बड़ा महाबली समझता था और उसे लगता था की उस देश वीर इस ब्रह्माण्ड में कोई नहीं | इसी सोच के साथ वो उस वानर से कहता है की वानर मेरे रास्ते से हट जाता नहीं |

| इस पर वानर रूप में हनुमान कहते है की मैं रोगी हूँ | मुझमे हिम्मत नहीं रही की खुद अपने आप दूसरी जगह बदल लु | अतः तुम ही मुझे हटा दो |

भीम को लगता है की यह कार्य उसके चुटकी अंगुली का खेल है और वो हटाने की कोशिश करता है पर वानरराज को हिला भी नहीं पता है | थक हार के भीम वानर से माफ़ी मांगता है और अपने सही रूप में आने की विनती करता है | तब हनुमानजी अपने दर्शन देते है और बताते है मैंने तुम्हे इस मार्ग से जाने के लिए रोका है क्योकि इस मार्ग में आगे देवता रमते है और यह मार्ग मनुष्य के लिए सही नहीं है | भीम के आग्रह पर बजरंगबली ने उन्हें अपना विशालतम रूप दिखाया जिस रूप से उन्होंने त्रेता में समुन्द्र लांघा था |

भाई होने के नाते हनुमानजी ने वचन दिया की वो युद्ध में अर्जुन के रथ में ध्वजा पर बैठा हुआ ऐसी भीषण गर्जना करूँगा की शत्रुओ के प्राण सुख जायेंगे और तुम उन्हें आसानी से मर सकोगे |  

 

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