मेहंदीपुर बालाजी से जुड़ी 10 रोचक बाते

भारत में लाखो हनुमान जी के मंदिर है जिनके साथ अपने अपने किस्से और चमत्कार जुड़े हुए है | हनुमान जी कलियुग में भी जीवित है और अपने भक्तो की पुकार पर उनकी सहायता जरुर करते है | कुछ हनुमान जी के मंदिरों में साक्षात् हनुमान जी का वास बताया जाता है | ऐसे मंदिर हनुमान जी के सिद्ध पीठ कहलाते है |

यह भारत के सबसे प्रसिद्ध और मुख्य हनुमान मंदिरों में से सबसे ज्यादा जाग्रत मंदिरों में से एक है . 

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आज हम जिस हनुमान मंदिर की बात करने वाले है वहा भूत प्रेत , चुड़ैल , जिन जिल्लाद आदि से परेशान भक्त हनुमान जी की शरण में जाकर सही हो जाते है | यह चमत्कारी मंदिर है राजस्थान के दौसा जिले में पड़ने वाला मेहंदीपुर बालाजी मंदिर | इसे घाटे वाले बालाजी (Ghaate Wale Balaji ) का भी मंदिर बोला जाता है | आइये जानते है इस मंदिर (Mehndipur Balaji Dhaam ) से जुड़ी कुछ रोचक बाते …

मेहंदीपुर बालाजी से जुड़ी अनोखी बाते 

 🔵 इस मंदिर में हनुमान जी के साथ भैरव नाथ और प्रेतराज सरकार भी पीडितो के कष्टों का निवारण करते है |

 🔵 यह मंदिर १००० वर्ष से भी ज्यादा पुराना है |

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 🔵 गोसाँई जी महाराज को एक रात्रि सपने में हनुमान जी दिखे और उन्हें एक जगह तक लेकर गये | उस स्थान पर हजारो दीपक जल रहे थे | तब तीनो देवो ने (हनुमान जी , भैरव नाथ और प्रेतराज सरकार ) ने इस जगह को अपना धाम बनाने और पूजा का भार गोसाँई जी महाराज को दिया |

 🔵 इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्वम्भू है जो पर्वत की दीवार  पर अंकित हुई है |

 🔵 हनुमान जी के दिल के पास एक छिद्र से निरंतर बहने वाला जल निकलता है जिसका पानी मूर्ति के चरणों में बने कुण्ड तक जाता है | यह पवित्र जल भक्तो में वितरित किया जाता है |

 🔵 बालाजी महाराज के चोला चढाने के बाद भी यह जल रुकता नही है |

 🔵 एक बार हनुमान जी अपना प्राचीन चोला उतार दिया था | इस चोले को गंगा में प्रवाहित करने के लिए वे इसे स्टेशन लेकर गये , जहा इसे सामान-शुल्क लेने के लिए तौलना चाहा | चोला कभी छोटा तो कभी बड़ा हो जाता | यह सभी के लिए बड़े चमत्कार की बात थी | अन्तत: रेलवे अधिकारी ने हार मान लिया और चोले को सम्मान सहित ट्रेन में जाने दिया |

 🔵 मंदिर में प्रवेश करते ही पीड़ित व्यक्ति में रमने वाली बुरी शक्तियां तड़पने लगती है |

 🔵 यदि नास्तिक भी इस  घाटे वाले बाला मंदिर में एक बार आये तो यहा के चमत्कार देखकर आस्तिक बन जाये |

 🔵 बालाजी मंदिर के अलावा यहा सामने ही भव्य राम दरबार मंदिर है | इस मंदिर में सिया राम की बहुत ही सुन्दर मूर्ति बनी हुई है , दूसरी तरह आपको राधे कृष्णा की मूर्ति देखने को मिलेगी . मंदिर पूरी तरह स्वेत रंग और मार्बल से बना हुआ है . मंदिर की दीवारों पर रामायण और भगवत गीता की शिक्षाए चित्रित है . मंदिर में बहुत ही भव्य झूमर लगे हुए है .  

राधे कृष्णा मंदिर मेहंदीपुर बालाजी धाम

🔵  मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़ी एक रोचक मान्यता यह है कि यहा चढ़ाया गया प्रसाद आपको घर नही ले जाना चाहिए . आपको वो प्रसाद यही खा कर खत्म करना चाहिए . यदि प्रसाद ज्यादा बच गया है तो आप पशु पक्षियों को खिला दे . 

🔵  इस मंदिर के चमत्कारों और बुरी शक्तियों को हटाने की शक्ति देखने साल 2013 में जर्मनी , नीदरलैंड से कुछ रिसर्च करने वाले व्यक्ति भी इस मंदिर में आये थे . 

🔵 यहा हनुमान जी के सीना फाड़ राम सिया के दर्शन कराने वाली विशालकाय प्रतिमा भी बनी हुई है जिसकी लम्बाई 151 फीट की है . यहा आने वाले श्रद्दालु इसे दूर से देख सकते है .

हनुमान प्रतिमा

🔵  मूर्ति के पास ही मैदान में आपको हनुमान जी की लीलाओ के दर्शन कराते हुए कुछ झांकिया मूर्तियों के रूप में दिखाई देगी . जिसमे मुख्य है सुरसा के मुंह में प्रवेश करके वापिस लौटे हुए हनुमान , संजीविनी बूटी पहाड़ सहित लाते हुए हनुमान जी और श्री राम , लक्ष्मण जी और जामवंत जी का राम सेतु पूल निर्माण  आदि. फोटो ग्राफी के लिए यह जगह बहुत ही अच्छी है . 

सुरसा गुफा मेहंदीपुर धाम


🔵  इसके अलावा यहा एक सुरसा  गुफा भी है जिसमे रामचरितमानस की घटनाओ ,  माँ दुर्गा की प्रतिमा और साधू संतो की मूर्तियों के दर्शन आप शानदार लाइटिंग में देख सकते है . इस गुफा का नाम सुरसा गुफा है जिसमे आप टिकट लेकर प्रवेश कर सकते है और शानदार झाँकियो का लुप्त उठा सकते है .

गुफा में प्रवेश करते ही आपको माता अंजना और बाल हनुमान के दर्शन होते है .

क्यों कहलाता है घाटे वाले बाला का मंदिर ? 

इस मंदिर को मेहंदीपुर और घाटे वाले बालाजी का मंदिर कहा जाता है क्योकि यह मंदिर दो पहाडियों के बीच बना है जिन्हें घाटे वाली पहाड़ियां कहा जाता है .

कैसे जाए  घाटे वाले बाला के  मंदिर ? 

यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में है जो पूर्वी राजस्थान में है  . बांदीकुई रेलवे स्टेशन से 36 किमी पर तो जयपुर से 109 किमी की दुरी पर स्तिथ है . आप जयपुर में पोलोवेक्ट्री  बस से यहा जा सकते है .

बालाजी मोड़ मेहंदीपुर धाम

 आपको बस बालाजी मोड़ पर छोड़ देगी जहाँ से 2.5 किमी की दुरी पर मेहंदीपुर बालाजी का धाम है . यह ढाई किमी की दुरी आप टेम्पू , जीप या फिर इलेक्ट्रिक गाडी से कर सकते है .  

तीन पहाड़ दर्शनीय स्थल 

मेहंदीपुर बालाजी में यह जगह बहुत ही आनंद देने वाली है . बालाजी मार्किट से एक रास्ता सीढियों का 

मेहंदीपुर बालाजी धाम यात्रा का विडियो जरुर देखे



सारांश 

  1.  तो दोस्तों  यहा हमने एक जाग्रत सिद्ध पीठ हनुमान जी के मंदिर मेहंदीपुर बालाजी धाम की आपको जानकारी दी है . साथ ही आपको यहा के दर्शनीय स्थलों के बारे में बताया है . आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी .

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