बालाजी का सुन्दरकाण्ड पाठ

 Sundarkand Paath ki Mahima  हनुमान जी को संकटमोचक के यह संसार जानता है । बड़ी से बड़ी नकारात्मक शक्तियाँ इनका नाम और चालीसा जपने से ही दूर भाग जाती है | इसके साथ साथ सुंदर कांड का पाठ करने से मन को शांति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है |

sundarkand paath ka mathav


क्या है हनुमान जी सुन्दरकाण्ड पाठ :

गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस सुन्दरकाण्ड पाठ है जिसमे हनुमानजी की महान लीलाओ और शक्तियों को वर्णित किया गया है | यह रामचरितमानस का पांचवा काण्ड है | इस काण्ड में हनुमानजी का समुन्द्र पार करके लंका जाना , माता सीता और विभीषण से मिलना , लंका को आग लगाना और फिर से राम जी के पास आना , विभीषण का लंका को त्यागना और राम जी की शरण में आना , राम सेतु पुल की राह बनना आदि  के प्रसंग आते है | हनुमानजी की सबसे अच्छी कार्यो को संपन्न करने के कारण इसे सुन्दरकाण्ड का नाम दिया गया है | यह हनुमान जी  की महान लीलाओ और शक्ति प्रदर्शन का दर्पण है |

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इसमे हनुमान जी स्वयं कहा है कि सहित सहाय रावण ही मारी , आनहु यहा त्रिकुट उभारी   

यदि प्रभु श्री राम का आदेश हो तो लंका त्रिकुट पर्वत सहित उठाकर यहा लाकर राम के चरणों में रख दू और रावण और उसके कुल का वध कर दू . 

कहने का का तात्पर्य है कि हनुमान जी इतने बलशाली थे कि वे स्वयं ही रावण की पूरी लंका और उनके असुरो का संहार कर सकते थे. 


sundarkand paath

सुन्दरकाण्ड पाठ से होने वाले लाभ :

ज्योतिषियों की माने तो इस का पाठ शनिवार और मंगलवार करने से आपकी सभी परेशानियाँ दूर हो जाती है | जिस जगह यह पाठ किया जाता है वहा नकारात्मक उर्जा का वास नही होता | सभी घर में आत्मविश्वास से पूर्ण हो जाते है | ग्रहों की दशा सुधर जाती है | शनि की साढ़े साती व ढैय्या में इसका प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। माना भी जाता है की हनुमान भक्तो पर शनि की विशेष कृपा रहती है | जितना व्यक्ति सुन्दरकाण्ड का पाठ करता रहता है , उसकी सकारात्मकता उठनी ही बढती जाती है . 

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