सर्प मंदिर, मन्नारशाला की जानकारी 

SNAKE TEMPLE MANNARASSALA NAGARAJA  Kerala History in Hindi : वैसे तो सांपों को समर्पित भारत में अनेक मंदिर है, पर इनमे सबसे प्रसिद्ध है मन्नारशाला का सर्प मंदिर (Snake Temple ) | इस टेम्पल की गिनती भारत के सात आश्चर्यों में होती है। मान्यता है की विष्णु के अवतार परशुराम जी ने इस मंदिर की स्थापना की थी | यहा होने वाले चमत्कारों के कई भक्त साक्षी रहे है |

hajaro saanpo ki murtiyaan wala gaanv


कहाँ है यह हजारो सांप वाला नाग मंदिर

केरल में आलापुज्हा (अलेप्पी) से मात्र 37 किमी की दुरी पर है सर्पो की प्रतिमा का लोक मन्नारशाला। यहाँ मुख्य पूजा नागराज और उनकी साथिन नागयक्षी की होती है ।   जिधर भी देखो नाग प्रतिमाये दिखाई देती है | कुल छोटी मोटी तीस हजार (30 Thousands ) नाग और सर्पो की प्रतिमाये है | इसे नाग शाला मंदिर के नाम से भी जाता है .  यह मंदिर 16 एकड़ में फैला हुआ है . मंदिर चारो तरफ से जंगलो से घिरा है .  ये सभी सांप शिव के गले में लिपटे नाग वासुकी की छत्र छाया में है . 

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कैसे बनी प्रतिमाये – सर्पो का निवास स्थान

स्थानीय मान्यताओ के अनुसार महाभारत काल में यह एक जंगल था जिसे जला दिया गया था। उस स्थान पर एक जगह ऐसी बची की वो आग के सम्पर्क में नही रही | सभी जीव ख़ास कर सर्पो ने वहा शरण ले ली , वही जगह मन्नारशाला बन गयी ।

mannarshala mandir kerala


पूजा पाठ करती है महिलाये :

पास में ही नम्बूदिरी का साधारण सा खानदानी घर है जिनकी महिलाये विवाहित होने के बाद भी ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए पूजा अर्चना करती है | इन्हे अम्मा कह कर संबोधित किया जाता है |

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नागराज को जन्म दिया महिला ने , अब होती है उसकी प्रतिमा की पूजा

कहा जाता है कि उस खानदान की एक स्त्री निस्संतान थी। बच्चे की आस में उसकी आधी उम्र निकल गयी | यहा उसने वासुकी नाग से पुत्र रत्न प्राप्त होनी की विनती की | वासुकी की कृपा से उसने दो को जन्म दिया | एक बालक और दूसरा पांच सर लिया हुआ नागराज उसी नागराज की प्रतिमा इस मंदिर में लगी है। तब से यहा प्रबल मान्यता है की विनती करने में यहा महिलायों की गोद भरती है |

नागशाला मंदिर केरला

संतान प्राप्ति के लिए करते है विनती

इस जगह आकर निस्संतान दम्पति मंदिर से लगे तालाब (बावडी) में नहाकर गीले कपडों में ही दर्शन हेतु जाये | साथ में एक कांसे का पात्र ले जाये जिसे उरुली कहा जाता है | उसे मंदिर में सीधा रखकर कुछ दान दक्षिणा रखी जाती है फिर नाग देवता से विनती की जाती है की उनके आँगन में भी किलकारी गूंजे |

बहुत सी माताओं को यहा आकर संतान की प्राप्ति हुई है . 

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मन्नारशाला से जुड़े प्रश्न उत्तर 


प्रश्न : क्यों केरला का मन्नारशाला प्रसिद्ध है ?

उत्तर : मन्नारशाला भारत की एक अनोखी और अजीबोगरीब जगह है . यहा एक मंदिर परिसर में आपको 30 हजार से भी ज्यादा सांपो की मूर्तियाँ मिल जाएगी . यहा सांपो को देवताओ की तरह पूजा जाता है .

प्रश्न : सबसे पहले किसने सांपो को यहा बसाया था ? 

उत्तर : कहते है कि भगवान परशुराम जी ने यहा सबसे पहले सांपो को बसाया था . 


प्रश्न : क्यों यहा पर इतने सांपो की मूर्तियाँ है ? 

उत्तर : कहते है कि यहाँ पहले एक घना हरा भरा जंगल था जिसमे बहुत से सांप रहते थे . एक दिन यहा आग लग गयी और सभी सांप जंगल के एक हिस्से में आकर छिप गये जहाँ आग नही लगी थी . उनकी उसी बात पर यहा इतने सांपो की मूर्तियाँ है .

प्रश्न : क्या यह मंदिर चमत्कारी है ? 

उत्तर : जी हां , कहते है कि यहा नाग देवता की पूजा करने से बाँझ महिलाओ को भी संतान सुख की प्राप्ति होती है

प्रश्न : मन्नारशाला नाग मंदिर कितना पुराना है ? 

उत्तर : यह मंदिर 3000 साल पुराना बताया जाता है .

प्रश्न :  मन्नारशाला नाग मंदिर में मुख्य देवी देवता कौन है ? 

उत्तर : मन्नारशाला नाग मंदिर में मुख्य देवता नागराज और उनकी पत्नी नागयक्षी को बताया जाता है .



सारांश 

  1. तो दोस्तों  हमने भारत के केरल में स्तिथ उस मंदिर के बारे में बताया जहाँ 30 हजार से ज्यादा नाग प्रतिमाये है . इस मंदिर नाम सर्प मंदिर मन्नारशाला है . हमने बताया कि इस अनोखे  मंदिर की क्या कहानी है . आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी 

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