नर नारायण की कथा से जाने अवतरण का उद्देश्य 

Who was Nar Narayan भगवान विष्णु ने धर्म की महिमा बढ़ाने के लिए अनेको लीलाए की है | एक ऐसी ही लीला में उन्होंने नर नारायण अवतार लेकर तपस्या , साधना के मार्ग पर ईश्वर के प्रतिरूप को भक्तो के लिए धरती पर जीवंत कर गये थे | आइये जानते है आज विष्णु के अवतार नर नारायण की कथा |

nar naryan koun hai


जन्म और माता पिता

भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र धर्म की एक पत्नी का नाम रुचि था | रूचि के गर्भ से श्री हरि ने नर और नारायण नाम के दो महान तपस्वियों के रूप में धरती पर जन्म लिया |इनके जन्म का कारण संसार में सुख और शांति का विस्तार करना था ।

नर नारायण की कथा


तपस्या का पथ और स्थली

जन्म के बाद उनका धर्म , साधना और भक्ति में ध्यान बढ़ता ही गया | अपनी माता से आज्ञा लेकर वे उत्तराखंड के पवित्र स्थली बदरीवन और केदारवन में तपस्या करने चले गये | उसी बदरीवन में आज बद्रीकाश्रम बना है।

केदारनाथ और बद्रीनाथ को स्थापित किया

आज से लगभग 8 हजार ईसा पूर्व अपनी कई हजार सालो की महान तपस्या से इन दोनों भाइयो से भगवान शिव को अत्यंत प्रसन्न किया | शिवजी ने उन्हें दर्शन देकर वरदान मांगने के लिया कहा | पर जन लोककल्याणार्थ नर नारायण ने अपने लिए कुछ नही माँगा और शिवजी से विनती की वे इस स्थान में पार्थिव शिवलिंग के रूप में हमेशा रहे | शिवजी ने उनकी विनती स्वीकार कर ली और आज जिस केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के हम दर्शन करते है , उसी में शिवजी का आज भी वास है | इसके आस पास मंदिर का निर्माण पांडवो ने करवाया | बाद में इसका दोबारा निर्माण आदि शंकराचार्य ने करवाया था। इसके बाद राजा भोज ने यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।

केदारनाथ शिवलिंग


फिर इन दोनों भाइयो ने बदरीवन में जाकर विष्णु के मंदिर बद्रीनाथ में प्रतिमा की स्थापना की |

नर नारायण पर्वत के रूप में आज भी कर रहे है तपस्या

उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा में बद्रीनाथ धाम अलकनंदा नदी के किनारे पर स्तिथ है | आज भी इस जगह दो पर्वत नर नारायण के नाम के है | ऐसी मान्यता है की वे आज भी परमात्मा की तपस्या में लीन है |

महाभारत में अर्जुन के रूप में जन्म

आपने कभी सोचा है की श्री कृष्ण को पांडवो में सबसे प्रिय अर्जुन ही क्यों थे ? इसका उत्तर नर नारायण से ही जुड़ा हुआ है | पांडवो के घर नर ने ही अर्जुन के रूप में जन्म लिया था और कृष्ण तो थे ही नारायण | इसलिए कृष्ण के परम सखा , शिष्य , भाई अर्जुन ही थे |

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सारांश 

  1. तो दोस्तों आपने जाना विष्णु के अवतार नर नारायण की पौराणिक कहानी . यहा आपने जाना कि किस कारण से उन्होंने अवतार लिया और तपस्या करके बद्रीनाथ और केदारनाथ शिवलिंग को प्रकट करवाया  . आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा . 


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