महाकाल की भस्म आरती से जुड़ी रोचक बातें 

Mahakaal Bhasm Aarti Jaruri Baate. महाकाल मंदिर उज्जैन में सबसे अलग एक आरती होती है जिसका नाम है भस्म आरती (Bhasm Aarti Mahakaal ) . यह आरती बहुत ही भव्य होती है और जो इस आरती के दर्शन कर पाता है वो शैव धाम को अंत में प्राप्त करता है . महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की सबसे अद्भुत और अनोखी आरती है . 

mahakaal bhasm aarti niyam


महाकाल मंदिर में कुल कितनी आरती होती है ? 

महाकालेश्वर मंदिर में कुल 6 आरती पुरे दिन में होती है जिसमे सबसे पहले आरती होती है भस्म आरती .

उसके बाद जो आरती होती है उसके शिव जी को घटा टॉप रूप दिया जाता है . यह दूसरी आरती होती है . 

उसके बाद फिर तीसरी आरती में शिवलिंग का श्रंगार करके उसे रूप दिया जाता है .

चौथी आरती में भगवान का श्रंगार नाग रूप में किया जाता है .

और अंतिम आरती में भगवान शिव की शयन आरती की की जाती है जिसके बाद मंदिर के पट उस दिन के लिए बंद हो जाते है .

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कैसे शुरू हुई भस्म आरती की प्रथा 

महाकाल मंदिर में कैसे शुरू हुई भस्म आरती , इसके पीछे के पौराणिक कथा है . इस कथा के अनुसार एक बार उज्जैन नगरी पर एक भीष्म राक्षस दूषण ने अपना हाहाकार मचा रखा था . इस सप्त पुरियो में शामिल धार्मिक नगरी की उसने दुर्दशा कर दी थी . धर्म करने वालो का वो दुशमन था . सभी नगरवासी उससे बहुत ही दुखी थी . उन सभी की प्रार्थना पर भगवान शिव ने अपनी तीसरी आँख की अग्नि से उस राक्षस दूषण को भस्म कर दिया . 

shiv trinetra aankh


उसके बाद शिवजी ने उसी भस्म को अपने शरीर पर रमा लिया और इस तरह से ही अवंतिका नगरी में प्रथा चल गयी कि महाकाल  का श्रंगार भस्म से किया जायेगा . 

इसके साथ हम सभी जानते है की शिव जी संहार के देवता है और मृत्यु ही जीवन का सबसे बड़ा सच्च है , यह भस्म जीवन यात्रा के ख़त्म होने का प्रतीक है . अत: शिव जी को भस्म प्रिय है और उनके श्रंगार में भस्म का बहुत महत्व बताया गया है . 

महाकालेश्वर मंदिर में मुर्दा लाश की भस्म से होती है भस्म आरती 

बहुत से शिव भक्तो के मन में यह जरुर प्रश्न होगा कि क्या महाकाल की भस्म आरती में किसी लाश की राख से भस्म आरती की जाती है . इसके बारे में हम बता दे कि अभी सूत्रों के हवाले से यह पता चला कि महाकाल मंदिर में अभी दिव्य पेड़ो की लकड़ी जलाकर ही राख बनाई जाती है और उसी से आरती की जाती है .

कुछ वेबसाइट पर यह भी जिक्र है कि पहले प्राचीन समय में मुर्दे की लाश से बनी भस्म से ही महाकाल की भस्म आरती की जाती थी . 

भस्म आरती से जुड़ी जरुरी बाते 

★ भस्म आरती की सबसे खास बात यह है कि यह सुबह ही की जाती है .

★ भस्म आरती को करने वाले विशेष पुजारी होते है . 

भस्म आरती महाकाल मंदिर


★भस्म आरती के समय खड़े भक्तो में पुरषों को धोती तो महिलाओ को साड़ी पहनना जरुरी होता है . 

★ महाकाल भस्म आरती में शामिल होने के लिए आप ऑनलाइन भी महाकाल की भस्म आरती की टिकट बुक करवा सकते है . इसके लिए आपको महाकाल ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना पड़ेगा . 

★ यहा आपको पूरा केलेंडर दिख जायेगा कि किस दिन कितने स्लॉट बाकि है आप फिर उस हिसाब से अपनी टिकट बुक कर सकते है . 

भस्म आरती महाकाल


★ ऐसा कहा जाता है कि उज्जैन के श्मशान से ताजा जलते हुए मुर्दे की भस्म लाकर उससे ही महाकाल की भस्म कारती की जाती है . यह कितनी सत्य बात है कि इसमे हम पुष्टि नही करते . 

★ ऐसा भी कहा जाता है कि एक विशेष लकड़ी को जलाकर भी यह भस्म तैयार की जाती है और फिर भस्म आरती में काम में ली जाती है . 

★ कहा जाता है कि जब भस्म आरती की जाती है तब वहा मंदिर परिसर में मौजूद महिलाओ को घुंघट करना पड़ता है क्योकि वे सीधे उस निराकार भस्म में नहाहे शिवलिंग को नही देख सकती है . 

सारांश 

  1. अवंतिका नगरी में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की सबसे प्रसिद्ध आरती है भस्म आरती (Bhasm Aarti In Ujjain Temple ) जो संभवत सिर्फ यही इतनी भव्य होती है  . इस आर्टिकल में हमें विस्तार से आपको बताया है कि भस्म आरती के पीछे क्या कथा है और क्यों इसी मंदिर में यह विशेष रूप से की जाती है . साथ ही आपने जाना कि भस्म आरती से जुड़े मुख्य नियम क्या है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी. 

 

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