क्यों पसंद है शिव को भांग और धतुरा

भगवान शिव के शिवलिंग पूजा में दूध के साथ भांग और धतुरा अर्पित करने की परम्परा है | माना जाता है की ये नशीली चीजे भोले को अति प्रिय है | हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे की क्यों शिव को यह अति प्रिय है |

shiv ko bhang dhatura kyo pasand hai


भांग धतूरा  करती है शरीर में गर्मी :

धर्मग्रंथो के अनुसार भगवान शिव का वास कैलाश पर्वत है जो बर्फ से आच्छादित रहता है | यहा अति ठण्ड है.

भांग का इस जगह सेवन करने से शरीर में एक गर्मी पैदा होती है जो इस जगह में रहने में सुविधा प्रदान करती है | शिव सन्यासी है अलग है इसलिए उन्हें अलग ही चीजे है पसंद | भक्त कैलाशीपति शिव को तभी भांग धतुरा का भोग लगाते है . 

भांग से दिमाग की चंचलता बंद :

भांग का नशा दिमाग को एक दिशा में सोचने पर विवश कर देता है | घोर तपस्या करने वाले भगवान शिव जब भांग का सेवन करते है तो उन्हें इस तपस्या में सहायता पर सुलभता प्राप्त होती है | उनका मन अपनी तपस्या में रमा रहता है . 

हलाहल विष से किया था बचाव :

समुन्द्र मंथन की कथा में आपने जाना था कि जब हलाहल विष निकला था तब पूरा जगत उसके प्रभाव से खत्म हो सकता था . देवी देवताओ और असुरो के हाथ पैर फूल गये थे . तब भोलेनाथ ने इस जगत को बचाने के लिए उस हलाहल विष का पान कर लिया . यह विष इतना भयंकर था कि भोले बाबा के गले में अत्यंत पीड़ा देने लग गया तब 

भांग और धतुरा बिल पत्र यह सब दूध के साथ जब देवी देवताओ ने भोलेनाथ को पिलाया तब हलाहल विष से उनके गले को आराम मिला तब से यह परम्परा बन गयी की उन्हें यह चीजे अर्पित की जाये |

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