देव उठनी एकादशी पर ऐसे करे विष्णु को प्रसन्न

Dev Uthani Ekadashi Par Upay  साल में आने वाली चौबीस एकादशियो में देव उठनी एकादशी का अत्यंत महत्व और महिमा बताई गयी है | इसे प्रबोधिनी एकादशी और देव उथान ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है | इस दिन से मांगलिक और शुभ कार्य शुरू हो जाते है | पुराणों में बताया गया है इसी दिन भगवान विष्णु अपनी निद्रा को त्यागते है | कही कही यह भी बताया गया है की भगवान श्री हरि राजा बलि के पाताल लोक से चातुर्मास का विश्राम पूरा कर बैकुंठ लौटे थे।

dev uthani ekadashi mahtav


इसी दिन भगवान विष्णु के काले रूप शालिग्राम से तुलसी जी का विवाह करवाया जाता है | आइये जानते की इस दिन कैसे करे भगवान विष्णु और लक्ष्मी रूपी तुलसी को प्रसन्न |

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के उपाय

इस दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठाकर नहा ले और फिर भगवान सूर्य को जल से अर्ध्य दे |

भगवान विष्णु के लिए इस दिन व्रत रखे और एकादशी व्रत के नियम का पालन करे |

जो व्यक्ति भगवान नारायण की पूजा में कदंब के पुष्प अर्पित करता है , वह यमराज के कष्टों को नहीं पाता है |

विष्णु भगवान की सुबह और शाम पंचोपचार पूजा विधि से आराधना करे |

dev uthani ekadashi ka mahtav


भगवान नारायण को तुलसी जी की माला जरुर चढ़ाये यह विष्णु जी को अति प्रसन्न करता है |

विष्णु मंदिर में जाकर या घर पर श्री नारायण या शालिग्राम जी को शंख से जल चढ़ाये |

भगवान हरिनारायण को तुलसी जी अति प्रिय है , अत: उनके जब भी भोग लगाये उसमे तुलसी जी के पत्ते जरुर डाले |

यदि कही तुलसी जी और शालिग्राम जी का विवाह हो रहा हो , तो उसमे तन मन धन से भाग ले |

संध्या को माँ तुलसी की पूजा विधि से करे और शांति समृधि के लिए विनती करे |

इस दिन तुलसी जी और शालिग्राम के विवाह की कथा का पाठ भी जरुर सुने और दुसरे व्यक्तियों को सुनाये |


प्रबोधिनी एकादशी के दिन विधानपूर्वक जो व्रत करते हैं, उन्हें अनंत सुख की प्राप्ति होती है और अंत में उन्हें बैकुंठ लोक में नारायण की सेवा का मौका मिलता है |

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