छठ पूजा का अत्यधिक महत्व और कथा

त्योहारों का महिना है कार्तिक मास जिसे महीनो का महाराजा कहा जाता है . इसमे एक पर्व भगवान सूर्य की आराधना के लिए भी आता है जिसे हम छठ पूजा कहते है . यह त्योहार दिवाली के छ दिन बाद आता है . 

कार्तिक शुक्ल की षष्टी तिथि को सुख-समृद्धि, गुणवान पुत्र प्राप्ति, आरोग्यता, वा पुत्र को दीर्घायु रखने के लिए षष्टी का पर्व छठ पूजा (Chhath Puja ) मनाया जाता है। इसमें छठ देवी और भगवान सूर्य की आराधना करते हुए उपवास किया जाता है। इस पर्व का महत्व और महिमा शास्त्रों में बताई गयी है |

छठ पूजा का महत्व


इस पर्व को लेकर कई पौराणिक , ऐतिहासिक कथाएं प्रचलित हैं। हालांकि, माना जाता है कि रामायण महाभारत काल से छठ मैय्या की पूजा की जा रही है |

यहा हम विस्तार से जानेंगे कि साल 2023 में छठ पूजा कब है और इसे कैसे मनाया जाता है , साथ ही इसके क्या नियम और जरुरी बाते है . 

छठ पूजा दिवस

कौन है छठ माँ :

इन्हे भगवान सूर्य की बहिन बताया गया है अत: इनके साथ सूर्य भगवान की भी पूजा की जाती है |

छठ पूजा से द्रोपदी ने पुनः दिलवाया पांडवो को खोया हुआ राजपाट :

एक कथा के अनुसार जब पांडव जुआ में कौरवो से अपना सारा राज हार गए, तब द्रौपदी ने छठ देवी का व्रत रखा था । इस व्रत से द्रोपदी की मनोकामनाएं पूरी हुईं और पांडवों ने फिर से अपना राजपाट वापस ले लिया था।

किन किन जगह धूम धाम से मनाया जाता है छठ का त्यौहार :

यह भारत के बिहार , उत्तर प्रदेश , झारखण्ड और भारत के बाहर नेपाल में मुख्य रूप से मनाया जाता है |

वीर पुत्र की प्राप्ति के लिए होती है छठ पूजा :

एक अन्य कथा के अनुसार महाभारत काल में कुन्ती को दुर्वासा ऋषि ने वरदान दिया था उस वरदान की सत्यता को जानने के लिए जब कुंती कुंवारी थी तब भगवान सूर्य का आह्वान करके पराक्रमी पुत्र की इच्छा जताई। तब भगवान सूर्य ने कुंवारी कुंती को कर्ण जैसा पराक्रमी और दानवीर पुत्र दिया। मान्यताओं के अनुसार तभी से कर्ण की तरह ही पराक्रमी पुत्र के लिए छठ देवी और सूर्य की आराधना की जाती है ।

श्री राम ने भी शुरू कराई थी सूर्य की पूजा षष्ठी तिथि पर :

इस सन्दर्भ में एक कथा यह भी है कि जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम लंका पर आक्रमण कर रावण का वध कर अयोध्या आपस आये तो उन्होंने कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्यदेव की उपासना करके उनसे आशीर्वाद मांगा । अपने राजा भगवान श्रीराम ऐसी भक्ति भावना को देखकर उनकी प्रजा ने भी षष्ठी का व्रत रखना प्रारम्भ कर दिया। मान्यता है कि तभी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पर्व मनाया जाता हैं।

कर्ण से भी जुडी है इसका पूजन :

यह तो हम सभी जानते है की कुंती की पहली संतान सूर्य पुत्र थी जिसका नाम कर्ण था | कर्ण सूर्य के महान भक्त थे और हर दिन कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देते थे | उन्ही के कारण भी यह अर्घ्य देने की भी परंपरा चली आ रही है |

छठ पूजा कब है 2023 में :

2023 में यह 17 नवम्बर को आ रही है . यह तीन दिवसीय है और इसका समापन 20 नवम्बर को होगा. इस व्रत को करने वाला सूर्य देव और उनकी बहिन षष्टी का आशीर्वाद पाता है . यह हिन्दू धर्म में सबसे कठिन व्रतो में आता है जिसमे 36 घंटे तक का व्रत रखा जाता है .

छठ पर्व का नहाय खाय कब

छठ पर्व का पहला दिन  नहाय-खाय के रूप में जाना जाता है . यह पहला दिन होता है जब पवित्र तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान किया जाता है और फिर साफ़ कपडे पहने जाते है . यदि आप पवित्र नदियों या तीर्थ स्थलों तक नही जा सकते तो आप घर में पानी में गंगा जल डाल कर नहा सकते है . इससे आपको तीर्थो में स्नान का पूण्य प्राप्त होगा . 

छठ पर्व का खाय प्रसाद 

अगले दिन व्रती और उसके परिवार के खाने के लिए खाय का प्रसाद बनाया जाता है . इसमे कद्दू की सब्जी , खरना की खीर , चावल , चने की सब्जी और  टेकुआ का प्रसाद होता है . इसे शुद्ध होकर शुद्ध बर्तन में बनाया जाता है और फिर भोग लगाकर पहले व्रत को दिया जाता है और फिर बाकी सदस्य खाते है . व्रत इस दिन सिर्फ एक बार यह प्रसाद करता है . 

छठ पर्व का तीसरा दिन सांध्य सूर्य अर्ध्य 

छठ पर्व के तीसरे दिन महिलाये संध्या के समय जाकर आस पास के झरने नदी से सूर्य देवता को अर्ध्य देती है .

अर्थात इस दिवस पर संध्या को सूर्य देवता की उपासना की जाती है . 

छठ पर्व का चौथा दिन समापन दिवस 

छठ पर्व के अंतिम और चौथे दिन सूर्य को फिर से जल से अर्ध्य देकर इसे समापन किया जाता है . 

छठ की महत्वपूर्ण तिथियां (Chhath Puja 2023 Date)


छठ पूजा का पहला दिन -  नहाय खाय 17 नवम्बर शुक्रवार 

छठ पूजा का दूसरा दिन  - खरना  18 नवम्बर शनिवार  

छठ पूजा का तीसरा  दिन  -  अस्तचलगामी सूर्य अर्घ्य 19 नवम्बर रविवार  

छठ पूजा का चौथा दिन   -उषा या उदीयमान सूर्य अर्घ्य  20 नवम्बर सोमवार  

सारांश 

  1. कार्तिक मास में आने वाली छठ पूजा का क्या महत्व है और यह इस साल कब आ रही है भारत में छठ पूजा कैसे मनाई जाती है  . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी. 

कार्तिक मास का महत्व और महिमा

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