पता नही किस रूप में आकर नारायण मिल जायेगा लिरिक्स हिंदी

Narayan Mil Jayega Bhajan Lyrics Hindi  यदि आप भजनों के आनंद लेने वाले हो तो फिर मनोज मुंतशिर का लिखा यह भजन सिंगर जुबिन नौटियाल के मुख से सुने और एक एक शब्द इतने गहरे भावों से लिखे गये है कि सुनकर दिल को छु लेंगे . 

भजन में बताया गया है की इंसान के अन्दर ही देवता बैठा हुआ है बस उसे जाने और उसके अनुसार कर्म करे क्योकि ऊपर वाला उस कर्म से ही आपको देवत्य देगा . प्रभु हर जगह है चाहे वो ख़ुशी हो मुस्कान हो या दर्द हो या आंशु 

narayan mil jayega jubin nautiyal bhajan

सिंगर :- Jubin Nautiyal 

गीत के रचियता : - Manoj Muntashir Shukla

बैनर :- टी सीरीज 

प्रेम प्रभु का बरस रहा है , पी ले अमृत प्यासे

सातों तीर्थ तेरे अन्दर , बाहर किसे तलासे

कण कण में हरी क्षण क्षण में हरी

मुस्कानों में अशुवन में हरि

मन की आँखे तूने खोली

तो ही दर्शन पायेगा

पता नही किस रूप में आकर नारायण मिल जायेगा ...2

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नियति भेद नही करती, जो लेती है वो देती है

जो बोयेगा वो काटेगा,  यह जग कर्मो की खेती है

नियति भेद नही करती, जो लेती है वो देती है

जो बोयेगा वो काटेगा,  यह जग कर्मो की खेती है

यदि कर्म तेरे पावन है सभी

डूबेगी नही तेरी नाव कभी

तेरी बाह पकड़ने को वो भेष बदलकर आएगा

पता नही किस रूप में आकर नारायण मिल जायेगा...2

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नियति व्यर्थ नही जाती, हरी लेखा झोका रखते है

औरो को फूल दिए जिसने, उसके भी हाथ महकते है

नियति व्यर्थ नही जाती, हरी लेखा झोका रखते है

औरो को फूल दिए जिसने, उसके भी हाथ महकते है

कोई दीप मिले तो बाती बन , तू भी तो किसी का साथी बन

मन को मानस सरोवर कर ले तो ही मोती पायेगा

पता नही किस रूप में आकर नारायण मिल जायेगा...2

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कान लगाकर बाते सुन ले , सूखे हुए दर्कतो की

लेता है भगवान् परीक्षा सबसे प्यारे भक्तो की

एक प्रश्न है गहरा जिसकी हरि को थाह लगानी है

तेरी श्रद्धा सोना ही या बस सोने का पानी है

जो फूल धरे हर डाली पर तो विश्वास तो रख उस माली पर

तेरे भाग्य में पत्थर है तो पत्थर भी खिल जायगा

पता नही किस रूप में आकर नारायण मिल जायेगा...4


विडियो पता नही किस रूप में नारायण Jubin Nautiyal 



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