श्री साईं बाबा व्रत कथा और पूजन विधि

Sai Baba Fast Story and Poojan Vidhi in Hindi 

कब किया जाता है साई बाबा का व्रत , साई बाबा गुरूवार व्रत कथा कहानी क्या है . साई बाबा के व्रत में किन बातो का ध्यान रखना चाहिए ? ऐसे बहुत से प्रश्न साई भक्तो के दिमाग में चलते रहते है और इन्ही प्रश्नों के जवाब देने के लिए हम लाये है यह पोस्ट जो बताएगी कि साई व्रत कैसे करे ? साई व्रत में कौनसी बाते जरुरी होती है आदि . 

साईंबाबा के पूजन के लिए सभी दिनों में गुरुवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता हैं. गुरु जो कि गुरुवार पूजन दिवस के रूप में जाना जाता है . साई की लीलाओ से हम जानते है कि साई बहुत बड़े गुरु थे .  साईं व्रत कोई भी कर सकतें हैं चाहे बच्चा हो या बुजुर्ग या महिला .ये व्रत कोई भी जाति -पति के भेद भावः बिना कोई भी व्यक्ति कर सकता है. वैसे भी हम सभी जानते हैं कि साईं बाबा जात-पात को नहीं मानते थे और उनका कहना था कि ईश्वर  तो एक ही है. सबका मालिक एक .

भारत में प्रसिद्ध साई बाबा के मंदिर कौनसे है

साई बाबा गुरूवार व्रत का महत्व

साई बाबा का व्रत कैसे करे ? 

ये व्रत कोई भी गुरूवार को साईं बाबा का नाम ले कर शुरू किया जा सकता. सुबह या शाम को साईं बाबा के फोटो की पूजा करना किसी आसन पर पीला या लाल कपडा बिछा कर उस पर साईं बाबा का फोटो रख कर स्वच्छ पानी से पोछ कर चंदन या कुमकुम का तिलक लगाना चाहिये और उन पर पीला फूल या हार चढाना चाहिये .

अगरबत्ती और दीपक जलाकर साईं व्रत की कथा पढ़नी  चाहिये . साईं बाबा का स्मरण करना चाहिये और प्रसाद बांटना  चाहिये . 

प्रसाद में कोई भी फलाहार या मिठाई वित्रतित  की जा  सकती है. अगर संभव हो तो साईं बाबा के मंदिर में जाकर भक्तिभाव से बाबा के दर्शन करना चाहिए, और बाबा साईं के भजनों में भक्तिमय रहना चाहिए .

पुरे दिन साई की लीलाओ का जितना पान कर सके करे , साई सत्चरित्र किताब पढ़े जो साई के आशीर्वाद से लिखी गयी है . 

Sai Baba Fast Story in Hindi 

साई बाबा व्रत का उद्यापन विधि 

शिरडी के साई बाबा के व्रत की संख्या 9 हो जाने पर अंतिम व्रत के दिन पांच गरीब व्यक्तियों को भोजन और सामर्थ्य अनुसार दान देना चाहिए. इसके साथ ही साई बाबा की कृ्पा का प्रचार करने के लिये 7, 11, 21 साई पुस्तकें या साईं सत्चरित्र , अपने आस-पास के लोगों में बांटनी चाहिए. इस प्रकार इस व्रत को समाप्त किया जाता है. इसे उद्यापन   के नाम से भी जाना जाता है .

Sai Baba Fast Method


साई बाबा  व्रत कथा कहानी और उसका चमत्कार 

What is Sai Fast Story in Hindi .  अब चलिए जानते है की गुरूवार की साई व्रत कथा क्या है . 

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कोकिला बहन और उनके पति महेशभाई शहर में रहते थे. दोनों में एक-दुसरे के प्रति प्रेम-भाव था, परन्तु महेशभाई का स्वाभाव झगडालू था. बोलने की तमीज ही न थी. लेकिन कोकिला बहन बहुत ही धार्मिक स्त्री थी, भगवान पर विश्वास रखती एवं बिना कुछ कहे सब कुछ सह लेती. धीरे-धीरे उनके पति का धंधा-रोजगार ठप हो गया. कुछ भी कमाई नहीं होती थी. महेशभाई अब दिन-भर घर पर ही रहते और अब उन्होंने गलत राह पकड़ ली. अब उनका स्वभाव पहले से भी अधिक चिडचिडा हो गया.

एक दिन दोपहर का समय था .एक वृद्ध महाराज दरवाजे पर आकार खड़े हो गए. चेहरे पर गजब का तेज था और आकर उन्होंने दल-चावल की मांग की. कोकिला बहन ने दल-चावल दिये और दोनों हाथों से उस वृद्ध बाबा को नमस्कार किया, वृद्ध ने कहा साईं सुखी रखे. कोकिला बहन ने कहा महाराज सुख मेरी किस्मत में नहीं है और अपने दुखी जीवन का वर्णन किया.

महाराज ने श्री साईं के व्रत के बारें में बताया 9 गुरूवार (फलाहार) या एक समय भोजन करना, हो सके तो बेटा साईं मंदिर जाना, घर पर साईं बाबा की 9 गुरूवार पूजा करना, साईं व्रत करना और विधि से उद्यापन करना भूखे को भोजन देना, साईं व्रत की किताबें 7, 11, 21 यथाशक्ति लोगों को भेट देना और इस तरह साईं व्रत का फैलाव करना. साईबाबा तेरी सभी मनोकामना पूर्ण करेंगे, लेकिन साईबाबा पर अटूट श्रद्धा रखना जरुरी है.

Sai Fast Method in Hindi


कोकिला बहन ने भी गुरूवार का व्रत लिया . 9 वें गुरूवार को गरीबों को भोजन दिया और  व्रत की पुस्तकें भेट दी .उनके घर से झगडे दूर हुए, घर में बहुत ही सुख शांति हो गई, जैसे महेशभाई का स्वाभाव ही बदल गया हो. उनका धंधा-रोजगार फिर से चालू हो गया. थोड़े समय में ही सुख समृधि बढ़ गई. दोनों पति पत्नी सुखी जीवन बिताने लगे एक दिन कोकिला बहन के जेठ जेठानी सूरत से आए. बातों-बातों में उन्होंने बताया के उनके बच्चें पढाई नहीं करते परीक्षा में फ़ेल हो गए है. कोकिला बहन ने 9 गुरूवार की महिमा बताई और कहा कि साईं बाबा के भक्ति से बच्चे अच्छी तरह अभ्यास कर पाएँगे लेकिन इसके लिए साईं बाबा पर विश्वास रखना ज़रूरी है. साईं सबको सहायता करते है. उनकी जेठानी ने व्रत की विधि बताने के लिए कहा. कोकिला बहन ने कहा उन्हें वह सारी बातें बताई जो खुद उन्हें वृद्ध महाराज ने बताई थी.

सूरत से उनकी जेठानी का थोड़े दिनों में पत्र आया कि उनके बच्चे साईं व्रत करने लगे है और बहुत अच्छे तरह से पढ़ते है. उन्होंने भी व्रत किया था और व्रत की किताबें जेठ के ऑफिस में दी थी. इस बारे में उन्होंने लिखा कि उनकी सहेली की बेटी शादी साईं व्रत करने से बहुत ही अच्छी जगह तय हो गई. उनके पडोसी का गहनों का डिब्बा गुम हो गया, अब वह महीने के बाद गहनों का डिब्बा न जाने कहां से वापस मिल गया. ऐसे कई अद्भुत चमत्कार हुए था.

कोकिला बहन ने साईं बाबा की महिमा महान है वह जान लिया था. हे साईं बाबा जैसे सभी लोगों पर प्रसन्न होते है, वैसे हम पर भी होना.

दोस्तों इस तरह आपने साई बाबा के गुरूवार की व्रत कथा को जाना . यदि आप गुरूवार को साई जी का व्रत रखते है तो इस कथा को पढना सुनना बहुत जरुरी है . 

साई व्रत करने से आप अपने मनोवांछित फल को प्राप्त करते है . 

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