त्रिपुंड तिलक क्या है और इसे लगाने की विधि और फायदे

Tripund Tilak Mahtav Vidhi Aur Fayde : हिन्दू धर्म तिलक लगाने के बहुत से फायदे बताये गये है | अलग अलग देवी देवताओ के लिए अलग अलग तिलक बताये गये है और उनके भक्त उसी तरह का तिलक अपने ललाट पर लगाते है . आपने शिव जी के माथे पर एक तीन लाइन वाला तिलक जरुर देखा होगा . इसे त्रिपुंड तिलक कहा जाता है .  त्रिपुण्ड तीन समान्तर रेखाओ का एक समूह तिलक होता है जो भस्म या चन्दन से हाथ की तीन अंगुलियों द्वारा बनाया जाता है | आपने इसे साधू संतो और पंडितो के माथे पर अक्सर देखा होगा |

shiv tripund ka mahatv

त्रिपुण्ड की रेखाओ में 27 देवता

त्रिपुण्ड कोई साधारण तिलक नही है | यह तीन समान्तर रेखाओ से बनता है  बल्कि इसमे 27 देवताओ का वास होता है | हर एक रेखा में 9 देवता विद्यमान रहते है |

त्रिपुंड तिलक का महत्व


शरीर के 32 अंगों में लगा सकते हैं त्रिपुंड

इस तिलक की अनोखी बात यह है की इसे सिर्फ माथे पर ही नही लगाया जाता , इसे आप शरीर के 32 अंगों पर लगा सकते है | अलग अलग जगह लगाने का महत्व भी अलग अलग है | मस्तक, ललाट, दोनों कान, दोनों नेत्र, दोनों कोहनी, दोनों कलाई, ह्रदय, दोनों पाश्र्व भाग, नाभि, दोनों घुटने, दोनों पिंडली और दोनों पैरो पर इसे लगा सकते है |

किस अंग में किस देवता का वास

शरीर के 32 अंगो पर यह तिलक उक्त जगह के देवता को जाग्रत करने के उदेश्य से लगाया जाता है क्योकि शरीर के हर हिस्से में देवताओं का वास माना गया है | सिर पर शिव, बालो में चंद्रमा, दोनों कानों में रुद्र और ब्रह्मा मुख में गणेश, दोनों भुजाओं में विष्णु और लक्ष्मी, ह्रदय में शंभू, नाभि में प्रजापति, दोनों उरुओं में नाग और नागकन्याएं, दोनों घुटनों में ऋषि कन्याएं, दोनों पैरों में समुद्र और विशाल पुष्ठभाग में सभी तीर्थ देवता रूप में रहते हैं.

भस्म और त्रिपुंड Bhasm Or Tripund

भस्म जली हुई पवित्र वस्तुओं की राख से प्राप्त होता है जो मुख्य रूप से हवन या यज्ञ से प्राप्त होती है |

पढ़े :  माथे पर तिलक लगाने का महत्व और नियम 

क्‍या कहता है शिव पुराण

शिव पुराण में बताया गया है जो व्यक्ति हर दिन अपने माथे पर भस्म से त्रिपुण्ड तिलक लगाता है , उस पर भोलेनाथ की अपार कृपा रहती है | उसके सभी पापो का नाश होता है |

वैज्ञानिक रूप से भी है फायदेमंद

माथे पर लगाया गया त्रिपुण्ड जो चन्दन या भस्म से तैयार किया हुआ होता है | यह हमारे दिमाग को शीतलता (Peace of Mind ) प्रदान करता है | मानसिक शांति (Mantle Piece) देना वाला यह तिलक हमारे सकारात्मक विचारो (Positive Thoughts ) में बढ़ोतरी करता है | इस तरह त्रिपुंड को लगाने से हमें स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते है . 

त्रिपुंड तिलक से जुड़े मुख्य प्रश्न उत्तर 

प्रश्न 1 : त्रिपुंड तिलक किसे कहते है ?

उत्तर 1 . त्रिपुंड तिलक तीन रेखाओ से मिलकर बनता है . हर रेखा में 9 देवताओ का वास होता है अत: पुरे तिलक में 27 देवतागण निवास करते है . तीन रेखाओ को बीच में काटती रेखा तीसरी आँख को दर्शाती है . 

प्रश्न 2 : त्रिपुंड तिलक कौनसे देवता और देवी लगाते है  ?

उत्तर 2 . भगवान शिव , माँ काली और काल भैरव के ललाट पर आप त्रिपुंड का तिलक देखेंगे . 

प्रश्न 3 : त्रिपुंड तिलक लगाने के क्या फायदे होते है ?

उत्तर 3 . त्रिपुंड तिलक लगाने से सकारात्मक उर्जा हमारे ऊपर रहती है , भूत प्रेत और नकारात्मक उर्जा दूर रहती है . त्रिपुंड में बसे 27 देवताओ की कृपा हम पर बनी रहती है . जीवन में शुभता और मंगलता छाई रहती है . 

प्रश्न 4 : त्रिपुंड तिलक को कैसे लगाते है ? 

उत्तर 4 . त्रिपुंड तिलक लगाने के लिए आपको अपनी 2 अंगुलियाँ (मध्यमा और अनामिका ) और अंगूठा  काम में लेनी होती है . 

सबसे पहले त्रिपुंड का घोल तैयार कर ले , उसके बाद अपनी 2nd or 3rd अंगुली (मध्यमा और अनामिका ) से मस्तक पर दो लाइन बाए से दांये खिचे और फिर लास्ट में अपने अंगूठे से दाए से बाए निचे वाली लाइन खीच कर ललाट पर त्रिपुंड तिलक का निर्माण करे . 


सारांश 

  1. त्रिपुंड तिलक क्या होता है . इसका क्या महत्व और महिमा है . त्रिपुंड लगाने से क्या फायदा होता है .   आशा करता हूँ की आपको यह पोस्ट जरुर अच्छी लगी होगी . 

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