भगवान श्री गणेश के 12 नाम

श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र भगवान श्री गणेश के 12 नामो का अति महत्व है जैसे हनुमान जी के 12 नामो का है | रोज इनके यह नाम लेने से सुख समृधि में बढ़ोतरी होती है | यह नाम ज्ञान ( Knowledge ) , बुद्धि ( Wisdom )और रोजगार ( Employment ) के कार्यो में उन्नति में सहायक है | देवताओ की रक्षा गणेश के सभी अवतारों ने कई बार की है | इन्हे इसी कारण विध्न विनाशायक (Destroyer of Troubles ) भी पुकारा जाता है |

हमने पहले आपको भगवान श्री गणेश के मुख्य नाम और उनके अर्थ बताये थे अब हम आपको Ganesh ji 12 Naam पुराणों से बताने जा रहे है . 

ganesh- 12 nam


गणेश जी के पाँच चमत्कारी मंत्र जो सुख बरसाने वाले है

आइये अब जाने भगवान श्री गणेश के 12 नाम :

नारद पुराण के अनुसार गणेशजी के द्वादश नाम :

सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।

इन बारह नामो के अर्थ : Meaning Of Lord Gansha ‘s 12 Names

  1. सुमुख : सुन्दर मुख वाले
  2. एकदंत : एक दन्त वाले
  3. कपील : कपील वर्ण वाले
  4. गजकर्ण : हाथी के कान वाले
  5. लम्बोदर : लम्बे पेट वाले
  6. विकट : विपत्ति का नाश करने वाले
  7. विनायक : न्याय करने वाले
  8. धूम्रकेतु : धुएं के रंग वाले पताका वाले
  9. गणाध्यक्ष : गुणों और देवताओ के अध्यक्ष
  10. भालचन्द्र : सर पर चंद्रमा धारण करने वाले
  11. गजानन : हाथी के मुख वाले
  12. विध्ननाशक : विध्न को ख़त्म करने वाले

श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र

सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥

ganesh ji ke 12 naam



भावार्थ​:- १.सुमुख २.एकदन्त ३.कपिल ४.गजकर्ण ५.लम्बोदर ६.विकट ७.विघ्ननाश ८.विनायक ९.धूम्रकेतु १०.गणाध्यक्ष ११.भालचन्द्र १२.गजानन ; इन बारह नामों के पाठ करने व सुनने से छः स्थानों १.विद्यारम्भ २.विवाह ३.प्रवेश(प्रवेश करना) ४.निर्गम​(निकलना) ५.संग्राम और ६.संकट में सभी विघ्नों का नाश होता है।

विशेष​:- सिद्धों के अनुसार, यात्रा में सुरक्षा के लिए, घर से निकलते समय उपरोक्त स्तोत्र का पाठ पूर्ण श्रद्धाभाव से करने पर श्रीगणपति यात्रा को अवश्य ही निर्विघ्न संपन्न कराते हैं।

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