भोजन के है तीन प्रकार , सात्विक , राजसिक और तामसिक आहार

Hindu Dharm Me Bhojan Ke Prakar . हमारे सनातन धर्म में हर चीज को लेकर कुछ मान्यताये है जो वैज्ञानिक द्रष्टि से भी सही जान पड़ती है | हमारे मन और शरीर पर इस बात का भी बहुत फर्क पड़ता है की भोजन किस प्रकार का है और कितनी मात्रा का है | कहा भी गया है , “जैसा खाओगे अन्न , वैसा रहेगा मन ” | जीवन को आगे वाला और उर्जा देने वाला भोजन भी हिन्दू धर्म में तीन भागो में बांटा गया है | यह आहार के तीन भाग सात्विक , राजसिक और तामसिक भोजन है | आइये जाने इन तीनो के बारे में विस्तार से |

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१) सात्विक भोजन | Sattvic Food

इसमे ताजा, रसयुक्त, हल्की चिकनाईयुक्त और पौष्टिक भोजन आता है । इसमें अन्ना, दूध, मक्खन, घी, मट्ठा, दही, हरी-पत्तेदार सब्जियाँ, फल-मेवा आदि शामिल हैं। सात्विक भोजन शरीर में जल्दी से पचने वाला होता है। इसमे नारंगी , निम्बू मौसमी का ज्यूस भी शामिल है । यह सबसे अच्छा आहार है जो मन और शरीर को स्वस्थ रखता है |

कुछ मुख्य सात्विक भोजन की लिस्ट 

♦ अंकुरित अन्न

♦ फलो का रस

♦ मेवे

♦ फल सब्जियां

♦ दूध

♦ पनीर

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२) राजसिक आहार | Rajasic Food

ऐसे आहार पहले राजा महाराजो के लिए राजमहल में बनते है इसी कारण इनका नाम हा राजसिक भोजन . ऐसे आहार स्वाद के लिए जाने जाते थे , इसमे ज्यादातर भुना हुआ , तेल घी युक्त भोजन हुआ करता था . इसमे प्याज और लहुसन का भी अत्यंत प्रयोग किया जाता है . 

इसमे मुख्य रूप से नमकीन , कचोरी , समोसे , भुनी हुई चीजे , गर्म तेल से निकाली गयी चीजे आदि है जो स्वाद में चटकेदार और मसालेदार हो .  ऐसी चीजे मोटापा लाने में मददगार होती है . शरीर में फैट बढाती है . 

३) तामसिक आहार | Tamasic Food

इसमे मांसाहार ,अंडा , मदिरापान ,  बांसी खाना शामिल है | कही कही लहसुन और प्याज को भी तामसिक भोजन के अंतर्गत माना जाता है | यह मन को शरीर को सुस्त बनाता है और इन दोनो के प्रतिकूल है |

सात्विक भोजन क्यों है सबसे अच्छा ? 

सात्विक भोजन सबसे शुद्ध और शरीर के लिए गुणकारी भोजन माना जाता है . यह शरीर द्वारा आसानी से पच जाता है और इससे अत्यधिक रस भी बनता है जो शरीर को पुष्ट रखता है . यह भोजन मन को एकाग्र और शांत रखता है . सात्विक भोजन शरीर को जरुरी सभी पोषण तत्व देता है और शरीर को रोग मुक्त बनाता है . 

क्यों तामसिक भोजन है सबसे बुरा ? 

तामसिक भोजन प्राचीन काल में राक्षसों का हुआ करता था . इससे उनमे क्रोध , काम भावना ज्यादा रहती है और इन दोनों अवगुणों के कारण ही वे बुरे माने जाते थे . तामसिक भोजन शरीर में क्रोध जगाता है आपका स्वभाव अशांत और चिडचिडा हो जाता है . बात बात पर जल्दी ही गुस्सा आना शुरू हो जाता है . मन शांत नही रहता , शरीर में सुस्ती सी रहती है . यह भोजन पचने में भी कठिन होता है जिससे की कई पेट की बीमारियाँ आप पर आ सकती है . 

भोजन को लेकर ध्यान रखने योग्य बाते :

🔵 तनाव क्रोध में कभी भोजन ना करे | आहार हमेशा शांत और प्रसन्न होकर किया जाना चाहिए |

🔵 भोजन को शरीर की जरुरत के अनुसार खाना चाहिए ना की स्वाद के अनुसार |

🔵भोजन के तुरंत बाद पानी ना पीये | आहार लेने से आधे घंटे और लेने के एक घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए |

🔵 नित्यमित व्यायाम और घुमने का भी ध्यान रखे |

🔵भोजन मौसम और जगह अनुसार करे |

🔵 शाम को हल्का भोजन ले |

🔵 दिन में दूध छाछ का प्रयोग खाने में करे पर संध्या बाद ये चीजे शरीर के लिए जहर का काम करती है .


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सारांश 

  1. तो दोस्तों  यहा हमने भोजन के सभी प्रकार आपको बताये जो मुख्य रूप से तीन है . सात्विक , राजसिक और तामसिक . यहा आपने जाना कि तीनो में क्या अन्तर है और कौनसा भोजन हमारे लिए सबसे अच्छा है . 

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