भारत के इन मंदिरों में होती है रावण की पूजा

8 Strange & Weird Temples of Ravana In India भगवान शिव के परम भक्त और महान ज्ञानी लंकापति रावण को कौन नही जानता | वे वेदों के ज्ञाता और बहुत बड़े पंडित थे | उनके पिता ऋषि विश्रवा थे तो, उनकी माँ राक्षस कुल की थी , अपनी माँ के कारण उनमे राक्षसी अवगुण भी विद्यमान थे |

भारत के इन मंदिरों में होती है रावण की पूजा

कैसे बुद्धि देवता गणेश ने रावण को छल से हराया 

सीता का हरण करके उन्होंने अपने संहार को न्यौता दिया था पर प्रभु श्री राम के हाथो मारे जाने पर उनका उद्धार हुआ | विजयदशमी पर उन्हें बुराई और असत्य का प्रतीक मानकर जगह जगह उनके पुतले जलाये जाते है पर भारत में कई जगह ऐसी भी है जहा रावण के मंदिर है और इनकी पूजा की जाती है | आइये जानते है इन अनोखे मंदिरों के बारे में |

कर्नाटक

कर्नाटक के कोलार जिले में स्थानीय लोग फसल महोत्सव के समय लंकेश्वर महोत्सव मनाते है जिसमे शिव और उनके परम भक्त रावण की पूजा की जाती है | पूजा के पीछे उनका मानना है कि रावण कितना भी बुरा क्यों ना हो पर वो शिव के परम भक्तो में एक था |

राजस्थान

जोधपुर जिले के मन्दोदरी नाम के स्थान को रावण और मन्दोदरी का विवाह स्थल माना जाता है। यहा विवाह स्थल पर रावण की चवरी नामक एक छतरी आज भी मौजूद है। इसी स्थान पर चांदपोल क्षेत्र में रावण का मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर में रावण की हष्ठ पुष्ठ मूर्ति है जिसके हाथ में एक जालपत्र है . सामने शिवलिंग रखा है . 

ravan mandodari mandir


रावण की मूर्ति का वजन 1.5 टन के बराबर है जो एक ही पत्थर को तराश कर बनाया गया है . 

 मूर्ति इस तरह से बनाई गयी है कि रावण शिव भक्ति से शिव जी को प्रसन्न कर रहा है . 

इस मंदिर को 2008 में बनाया गया था . मंदिर बनाते समय काफी लोगो ने इसका विरोध भी किया था .

पढ़े : रावण रचित शिव तांडव स्त्रोत की महिमा  

नोयडा

उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोयडा जिले के बिसरख गांव में  रावण के दादा पिता यहा रहते थे  | पहले इस गाँव का नाम रावण के पिता के नाम पर विश्वेशरा था जो अब बिसरख के नाम से जाना जाता है। 

रावण मंदिर विदिशा


यहा के पंडित बताते है कि यह त्रेता युग से ही बना हुआ है और इसका इतिहास अति प्राचीन है . ब्रह्मा जी के पुत्र थे  ऋषि पुलस्त्य  और उनके पोते का नाम था रावण . और इस भूमि पर ही रावण बड़ा हुआ था .   यही कारण है कि यहा रावण दहन नही किया जाता है और ना ही कोई मेला भरता है . 

कानपुर

उत्तरप्रदेश के कानपुर के शिवाला में रावण का एक अति प्राचीन मंदिर है हो साल में सिर्फ एक बार दशहरे के दिन खुलता है | दशहरे के दिन रावण की विधि विधान से पूजा की जाती है |

रावण मंदिर कानपूर

आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के काकिनाड में रावण ने एक शिवलिंग की स्थापना की थी। इसी शिवलिंग के पास फिर रावण की मूर्ति स्थापित कर दी गयी है | यहा शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है | यहा रावण को समर्प्रित रावनासुर मंदिर है . मंदिर के मुख्य दीवार पर ही 10 शीश वाले रावण के दर्शन होते है . 

रावण की पूजा होती है इस मंदिर में

हिमाचल प्रदेश


हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बैजनाथ कस्बा में बिनवा पुल पर रावण का मंदिर बना हुआ है | मान्यता है की इस स्थान पर रावण ने एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की थी | यहा एक हवन कुण्ड भी जिसमे रावण ने नौ बार अपने शीश की आहुति दी थी | लोग यहा पर रावण की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करते है ।

मध्‍यप्रदेश

मध्‍यप्रदेश के विदिशा शहर में रावणग्राम जगह राक्षसराज दशानन की पूजा के लिए प्रसिद्ध है | यहा गाँव वाले रावण का पुतला नही फूकते बल्कि पूजा करते है | यहा रावण की 10 feet लम्बी प्रतिमा है |

मध्यप्रदेश के ही मंदसौर के पास खानपुरा क्षेत्र में रावण रूण्डी नाम के स्थान पर रावण की विशाल मूर्ति है | कथाओ के अनुसार रावण की पत्नी मंदोदरी मंदसौर की निवासी थीं | अत: रावण इस क्षेत्र का दामाद था | यही कारण है की यहा रावण का मंदिर है और पूजा की जाती है |

इंदौर

इंदौर के परदेशी पूरा में  में भी रावण को समर्प्रित एक मंदिर बनाया गया है . यहा रावण का मंदिर बनाने के पीछे लोगो का तर्क है कि रावण परम शिव भक्त था और साथ ही महाज्ञानी  ब्राह्मण भी अत: उस परम शिव भक्त के लिए उन्होंने रावण का मंदिर बनाया है . 

इंदौर के परदेशी पूरा में रावण मंदिर

इस मंदिर में रावण की प्रतिमा अत्यंत सुन्दर है और उसके दश मुख है साथ ही पांच फन वाले नाग उस के सिर की शौभा बढ़ा रहे है . यह प्रतिमा 10 फीट की है और देवताओ के समान आशीष देती हुई प्रतीत होती है . 

मंदिर के संस्थापक कहते है कि रावण दहन नही होना चाहिए . आज हर इंसान में रावण है यदि वो रावण दहन करते है तो पहले अपने मन को और अपने चरित्र को साफ़ करे . 

आप हैरान हो जाएँगे की भारत भर में जब दशहरे पर रावण दहन होता है तब इस मंदिर में रावण की भव्य पूजा की जाती है . उनका कहना है कि रावण इस दिन धरती से राम के द्वारा बैंकुठ धाम चले गये थे . 

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सारांश 

  1. तो दोस्तों यहा हमने भारत के ऐसे अजीबोगरीब मंदिरों के बारे में बताया जहाँ रावण की पूजा की जाती है और ऐसी जगहों पर रावण दहन नही होता बल्कि रावण की मृत्यु पर शोक मनाया जाता है .  आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी .

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