पञ्चमुखी हनुमान मंत्र की शक्ति

Panchmukhi Hanuman ki Shakti or Mantra . पञ्चमुखी हनुमान मंत्र इनके मंत्रो में सबसे अद्भुत और शक्ति का परिचायक है | यह कैसा भी संकट को , उसे दूर करने की क्षमता रखता है | भगवान शिव के रूद्र अवतार श्री हनुमान की महानता और बाहुबलीपन को कौन नही जानता |

आठ चिरंजीवी में उन्हें माता सीता द्वारा अमरता का वरदान प्राप्त है | हमने आपको पिछले लेख में बताया था , की किस हनुमान रूप की पूजा से कौनसा फल प्राप्त होता है | आज हम हनुमान जी के पञ्चमुखी रूप और उससे जुड़े महाशक्तिशाली मंत्र की बात करेंगे |

हनुमान पंचमुखी रूप की कहानी


पवनपुत्र हनुमान को संकटमोचन के नाम से भी पुकारा जाता है | यह अपने भक्तो के संकट को दूर करने में देर नही लगाते | रामायण में एक प्रसंग आया है जिसमे इन्होने अपने प्रभु श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण के भी प्राण बचाए थे | इसके लिए इन्होने पंचमुखी रूप धारण किया था |

कौन सो संकट मोर गरीब को , जो तुमसे नहिं जात है टारो

पञ्चमुखी हनुमान रूप का महत्व 

हनुमान जी ने अहिरावण से  राम और लक्ष्मण की रक्षा करने के लिए पाताल में पंचमुखी रूप को धारण किया था .उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, पूर्व में हनुमान मुख और आकाश की तरफ हयग्रीव मुख है . 

अहिरावण बहुत बड़ा तांत्रिक था और उसने पांच दिशाओ में पांच दीपक जला रखे थे . ये दीपक जब एक साथ बुझाये जाते तब ही वो मर सकता था . यह बात हनुमान जी जानते थे और फिर उन्होंने अपने पांचो दिशाओ में मुख धरकर उन पांचो दीपकों को एक साथ बुझा कर अहिरावण का वध किय और राम लक्ष्मण को बचा कर ले आये . 

पञ्चमुखी हनुमान मंत्र

यह हनुमान का पञ्चमुखी मंत्र हर तरह के दुःख , कष्ट , विपदाओ का नाश करने वाला है | इसके जप से आप निरोगी शरीर , यश , वैभव की प्राप्ति करते है | जिस जगह यह मंत्र उच्चारण किया जायेगा वहा नकारात्मक शक्तियां दूर होगी |

निचे दिया जा रहा है पञ्चमुखी हनुमान मंत्र :

ॐ हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा

मन्त्र की जाप विधि –

पञ्चमुखी हनुमान की फोटो लाल कपडे की चौकी पर लगाये | फिर स्नान धुप दीपक से पूजा करे | हनुमान को प्रिय चीजो को भेट करे इससे हनुमान जी प्रसन्न होते है  |


अपने गुरु से दीक्षा लेकर रुद्राक्ष , लाल चन्दन या मुंगे की माला से सवा लाख जप करे | इससे यह मन्त्र सिद्ध हो जायेगा | साधना काल में ब्रहमचर्य का पालन करे | साधना काल में डरे नही और निडर होकर हनुमान जी पूजा करते रहे |

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एक और शक्तिशाली मंत्र है जो आपको बड़ी से बड़ी बुरी शक्तियों से रक्षा करता है |

मंत्र 2

ऊँ ऐं श्रीं ह्रीं ह्रीं हं ह्रौं ह्रः ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत-पिशाच ब्रह्म राक्षस शाकिनी डाकिनी यक्षिणी पूतना मारीमहामारी राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकान् क्षणेन हन हन,भंजय भंजय मारय मारय,क्षय शिक्षय महामहेश्वर रुद्रावतार

मंत्र जप :

12 बार इस मंत्र को जप ले , भयानक से भयानक डर भी खत्म हो जायेगा | इसमे सभी बुरी शक्तियों से बचाव का मार्ग हनुमान जी की विनती से बताया गया है |

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सारांश 

  1. तो सनातन प्रेमियों आपने जाना कि क्यों हनुमान जी का पञ्चमुखी रूप सबसे अधिक शक्तिशाली है और इसके पीछे की क्या कहानी है . साथ ही हमने जाना की पंचमुखी हनुमान की पूजा से जुड़े मुख्य मंत्र और नियम क्या है  . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी. 

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