गुरु नानक ने मक्का मदीना में किया ऐसा चमत्कार कि सबमें उनकी आस्था बढ़ गयी

गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक थे और कार्तिक पूर्णिमा के दिन उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है | यह दिन प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है | अपने जीवन काल में गुरुनानक जी ने अनेको यात्राये की , इसमे से कई यात्राये अरब देशो की भी और अपनी शिक्षाए दी . पर आज हम उनकी एक ऐसी यात्रा के बारे में आपको बताने वाले है जो बहुत चमत्कारी थी | इस यात्रा में वे मुसलमानों के बीच बहुत आस्था के केंद्र बन गये थे |

यह प्रसंग है गुरु नानक जी का मक्का मदीना में किये गये चमत्कार का जिससे बाद मुस्लिम भी उनके भक्त बन गये

गुरु नानक और काबा

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कैसे मुस्लिमो को दिखाया गुरु नानक ने चमत्कार

यह प्रसंग है गुरु नानक जी की मक्का मदीना की यात्रा का | उनके साथ बहुत सारे मुसलमान भी थे | संध्या अस्त होने पर गुरुनानक जी आराम करने के लिए ऐसे लेटे कि उनके पैर पाक काबा की दिशा की तरफ थे |

ऐसा देखकर उनमे से एक मुस्लिम व्यक्ति ने गुस्से में नानक जी से बोला , “हे काफिर | ” तुझे शर्म नही आती कि तूने अल्लाह की पाक दिशा काबा की तरफ अपने पैर फैला रखे है |

इस पर नानक जी ने बड़े प्यार से जवाब दिया कि मैं थक चूका हूँ और मुझे नही पता कि अल्लाह का घर किस तरफ है | जिस तरफ अल्लाह का घर ना हो तुम मेरे पैर उस तरफ कर दो |

गुरु नानक जी और काबा मक्का मदीना


उस व्यक्ति ने नानक जी के पैर दूसरी तरफ कर दिए पर इसी के साथ एक चमत्कार हुआ | काबा भी अपनी जगह से हिलकर पैरो की दिशा में आ गया | इस हैरान करने वाले चमत्कार को देखकर वह व्यक्ति इसके बारे में बाकि मुस्लिम लोगो को बताने लगा |

सब यह चमत्कार देखने वहा आये और उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहीं आया | वे सब इसे खुदा की मर्जी समझकर नानक जी के पैरो में पड़ गये और क्षमा मांगने लगे |

नानक जी ने उन्हें बताया कि अल्लाह हर दिशा में है अत: जीवन में प्रेम और अच्छे कर्म ही करते रहने चाहिए क्योकि वो खुदा हर व्यक्ति को हर क्षण देख रहा है |

जब नानक जी मक्का से आने लगे तब काबा के मौलवियों ने उनसे विनती कर उनके खडाऊ अपने पास रख लिए | और तब से मक्का के साथ गुरु नानक जी का एक अमर रिश्ता बन गया |

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