तुम झोली भर लो भक्तो रंग और गुलाल से भजन 

फाल्गुन होली का बहुत ही प्यारा भजन जिसमे नंदलाल कृष्ण के साथ भक्त होली खेलने का भाव बताया गया है .  

यहा भक्त राधे कृष्ण और गोपियों के साथ फाग रंग के साथ खेलेंगे की बात कर रहे है .  होली का पर्व फाग का पर्व भी कहलाता है और इसमे राधे कृष्ण और ग्वाल बाल और गोपियों का संगम ना हो तो यह होली अधूरी ही ही होती है . 

tum jholi bhar lo bhakto rang or gulaal se


तुम झोली भर लो भक्तो रंग और गुलाल से 

होली खेलाला आपा गिरधर गोपाल से 

tum jholi bhar lo bhakto


कोरा कोरा कलश मंगवा कर उसमे रंग घुलवाना , उसमे रंग घुलवाना 

लाल गुलाबी नीला पीला केसर रंग मिलवाना , तुम केसर रंग मिलवाना 

और बच बच के रहना उनकी टेडी मेढ़ी चाल से 

बच बच के रहना उनकी टेडी मेढ़ी चाल से 

होली खेलाला आपा गिरधर गोपाल से 

तुम झोली भर लो भक्तो रंग और गुलाल से

होली खेलाला आपा गिरधर गोपाल से 

Holi khelenge aapa girdhar gopaal se



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लायेंगे वो संग में अपने ग्वाल बाल की टोली , ग्वाल बाल की टोली 

मैं भी रंग अबीर मलूंगी ,और माथे पर रोली , और माथे पर रोली 

गायेंगे फाग मिलके , श्याम सरकार से 

होली खेलाला आपा गिरधर गोपाल से 

तुम झोली भर लो भक्तो रंग और गुलाल से

होली खेलाला आपा गिरधर गोपाल से 

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श्याम पिया की बजे बाँसुरिया , ग्वालो के मंझीरे ,  ग्वालो के मंझीरे 

चंग बजावे गोप्पिया नाचे , राधा धीरे धीरे , राधा धीरे धीरे 

गायेंगे भजन सुहाने हम भी सुर ताल से .....

होली खेलाला आपा गिरधर गोपाल से 

तुम झोली भर लो भक्तो रंग और गुलाल से

होली खेलाला आपा गिरधर गोपाल से 

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तो यह भजन फाल्गुन होली धमाल का मुख्य भजन है जिसमे भक्त कृष्ण कन्हैया के साथ होली के रंग खेलना चाहते है .



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