देवी देवता और उनके वाहन

Hindu Devi Devtao Ke Priy Vahan . 

हिन्दू धर्म में 33 कोटि देवी देवता बताये है जो अलग अलग शक्तियों से युक्त है . सभी के अपने अपने वाहन और शस्त्र है . यहा हम जानेंगे किस हिन्दू देवी या देवता का कौनसा वाहन है जो उनकी सवारी में काम आता है . 

साथ ही इन देवी देवताओ की पूजा में इनके वाहन की भी विशेष पूजा की जाती है . 

kis devta ka kounsa vahan hai

तो चलिए जानते है कि किस देवी देवता का कौनसा वाहन (सवारी ) है ? 


भगवान शिव :

इनका वाहन बैल है जिसे नंदी कहा जाता है |

नंदी बहुत ही मेहनती शांत और भोला प्राणी है जैसे उनके सवार भोलेनाथ शिव शंकर  शांत और भोले है |

कहते है शिवलिंग के सामने विराजित नंदी बाबा के कान में अपनी बात कहने से भगवान शिव आपकी विनती जल्दी सुनते है . 

काल भैरव :

शिव जी के ही रूप काल भैरव की सवारी स्वान (कुत्ता ) को बताई जाती है . यही कारण है सभी भैरव मंदिर के आस पास आपको काले रंग के स्वान देखने को मिलेंगे . कहते है इन स्वानो को भोजन कराने से भैरव नाथ प्रसन्न होते है . काल भैरव को क्षेत्रपाल भी कहा जाता है जो द्वार पर शिव और शक्ति के पहरा देते है . इनकी सवारी स्वान भी अपनी वफ़ादारी और चौंकने स्वभाव को बताता है जो अपने मालिक के लिए सबसे वफादार रहता है . 

माँ दुर्गा :

माँ दुर्गा का वाहन है शेर | इसी के कारण इन्हे भक्त शेरोवाली माता भी कहते है |

शेर जानवरों का राजा होता है और निडर प्रवर्ती का प्राणी है |

माँ सरस्वती  :

माँ दुर्गा का वाहन है सफ़ेद हंस  | 

भगवान श्रीगणेश :

इनका वाहन मूषक (चूहा) है |

भगवान श्रीगणेश का वाहन है मूषक अर्थात चूहा। चुहा अच्छे बुरे की पहचान किये बिना हर चीज़ को कुतरता है | गणेश जी को ज्ञान बुद्दी का देवता कहा जाता है तथा वो अज्ञानता के प्रतीक मूषक पर सवार है

माँ लक्ष्मी :

लक्ष्मी का एक एक वाहन सफ़ेद हाथी है जो शक्तिशाली और भारी प्राणी है पर मेहनती भी साथ में है
माँ लक्ष्मी का दूसरा वाहन उल्लू है । जो लगातार कर्म करते रहने का सन्देश देता है | कर्म करने वाले मनुष्य से ही माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है और सुख समृधि प्रदान करती है |

माँ सरस्वती

सरस्वती का वाहन श्वेत हंस है।

देवी सरस्वती विद्या की देवी हैं | उनका वाहन हंस सिर्फ गुणों को लेने वाला है | इसका स्वाभाव ऐसा होता है की यदि दूध और जल मिलकर रख दे तो वो सिर्फ दूध उसमे से अलग कर सकता है

भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर –

देवताओं के सेनापति कहे जाने वाले शिव पुत्र कार्तिकेय मोर पर सवार होकर असुरो के साथ हुए युद्ध में विजय दिलवाए थे

भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ –

भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ है जो पक्षियों का राजा भी कहते हैं।

यह आकाश में बहूत ऊंचाई पर उड़ता है और निचे बहूत दूर तक देख सकता है अर्थात दूरदर्शी है | इसके नाम पर एक पुराण गरुड़पुराण और लिखी गयी है |

देवी गंगा

माँ गंगा का वाहन मगरमच्छ माना गया है , इसके साथ नर्मदा और दूसरी नदी रूपी देवियों का भी वाहन मगरमच्छ है  । मगरमच्छ जल का सबसे खतरनाक जानवर है . माँ गंगा का यह मगर वाहन हमें यह सन्देश देता है कि सभी जलीय जीव महत्वपूर्ण है और हमें किसी को भी मारना नही चाहिए . 

इंद्र देव

इंद्र देवता का वाहन हाथी है जिसका नाम ऐरावत है . यह बहुत ही शक्तिशाली हाथी है  ।

यमराज :

इनका वाहन भैंसा है |

यमराज भैंसे को अपने वाहन के रूप में प्रयोग करते हैं। यमराज खुद काले है अत: इनका वाहन भैंसा भी काले रंग का है . 

सूर्य देव :

भगवान सूर्य का वाहन सात घोड़ो वाला रथ है . कहते है सूर्य देव के इस रथ को अरुण देव सारथी बनकर चलाते है .

उड़ीसा में स्तिथ कोणार्क मंदिर में सूर्य देव और उनके साथ घोड़ो की प्रतिमा बहुत ही सुन्दर दिखाई गयी है . 

यहा घोड़े सहित रथ हमें शिक्षा देता है कि जीवन में लगातार फुर्ती और चुस्ती के साथ  आगे बढ़ता रहना चाहिए . 

शनि देव : 

सूर्य पुत्र भगवान शनि देव का वाहन कौआ को बताया गया है . इसके अलावा शनि देव के वाहन आठ ओर भी है जिसमे सियार, हंस, मोर , गधा , हंस , सिंह , भैंसा  और हाथी शामिल है . 


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