वास्तु दोष दूर करने वाले 21 वास्तुशास्त्र के टिप्स
21 Most Useful Vastu Tips for Prosperity Accourding to Vastu Shastra
वास्तु शास्त्र वो विद्या है जिसके द्वारा हम दिशाओ के इच्छित परिणाम पा सकते है . यह विद्या बताती है कि कौनसी चीजे किस दिशा में होनी चाहिए जिससे की सकारात्मक उर्जा बढती है .
साथ ही हम यदि चीन के वास्तुशास्त्र फेंग शुई में बताई गयी चीजो का भी सही प्रयोग वास्तु शास्त्र में बताई गयी दिशाओ के अनुसार करे तो बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होते है .
आइए जानते हैं कि वास्तुशास्त्र के नियम के आधार पर हमारा घर कितना खरा उतरता है .
घर के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स. वास्तु एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमें बताता है कि घर, ऑफिस, व्यवसाय इत्यादि में कौन सी चीज होनी चाहिए और कौन सी नहीं. साथ हीं हमें यह भी बतलाता है कि किस चीज के लिए कौन सी दिशा सही होगी.
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यह हमें बताता है कि वास्तु दोषों का निवारण (Vastu Dosh Dur Karne Ke Upay in Hindi ) कैसे किया जा सकता है | आइये जाने वास्तु के मुख्य धन देने वाले 21 टिप्स के बारे में :-
वास्तु दोष को दूर करने वाले 21 टिप्स
>> 1. पूजा घर उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में बनाना सबसे अच्छा रहता है.
अगर इस दिशा में पूजा घर बनाना सम्भव नहीं हो रहा हो, तो उत्तर दिशा में पूजा घर बनाया जा सकता है.
लेकिन ध्यान रखें कि ईशान कोण सर्वश्रेष्ठ दिशा है.
>> 2.पूजा घर में प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए क्योंकि घर में प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति का ध्यान उस तरह से
नहीं रखा जा सकता है जैसा कि रखा जाना चाहिए. अतः छोटी मूर्तियाँ और चित्र हीं पूजा घर में लगाने चाहिए.
>> 3.सीढ़ी के नीचे पूजा घर नहीं बनाना चाहिए. ना ही सीढ़ीयो के निचे फालतू का अटेला भरे .
>> 4.फटे हुए चित्र, या खंडित मूर्ति पूजा घर में बिल्कुल नहीं होनी चाहिए.
>> 5.पूजा घर और रसोई या बेडरूम एक हीं कमरे में नहीं होना चाहिए.
Photo : Pixabay |
>> 6.घर के मालिक का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. अगर इस दिशा में सम्भव न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
>> 7.गेस्ट रूम उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए. अगर उत्तर-पूर्व में कमरा बनाना सम्भव न हो, तो उत्तर पश्चिम दिशा दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
>> 8.उत्तर-पूर्व में किसी का भी बेडरूम नहीं होना चाहिए.
>>9.रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है.
>>10.शौचालय और स्नानघर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना सर्वश्रेष्ठ है.
>> 11.घर की सीढ़ी सामने की ओर से नहीं होनी चाहिए, और सीढ़ी ऐसी जगह पर होनी चाहिए कि घर में घूसने वाले व्यक्ति को यह सामने नजर नहीं आनी चाहिए.
>> 12 सीढ़ी के पायदानों की संख्या विषम 21, 23, 25 इत्यादि होनी चाहिए.
>> 13.सीढ़ी के नीचे शौचालय, रसोई, स्नानघर, पूजा घर इत्यादि नहीं होने चाहिए. सीढ़ी के नीचे कबाड़ भी नहीं रखना चाहिए.
>> 14.सीढ़ी के नीचे कुछ उपयोगी सामान रख सकते हैं और सीढ़ी के नीचे रखे हुए सामान सुसज्जित होने चाहिए.
>> 15.घर का कोई भी रैक खुला नहीं होना चाहिए. उसमें पल्ले जरुर लगाने चाहिए.
>> 16.कमरे की लाइट्स पूर्व या उत्तर दिशा में लगी होनी चाहिए.
>> 17. घर के ज्यादातर कमरों की खिड़कियाँ और दरवाजे उत्तर या पूर्व दिशा में खुलने चाहिए.सीढ़ी पश्चिम दिशा में होनी चाहिए.
>> 18.घर का मुख्य दरवाजा दक्षिणमुखी नहीं होना चाहिए. अगर मजबूरी में दक्षिणमुखी दरवाजा बनाना पड़ गया हो, तो दरवाजे के सामने एक बड़ा सा आईना लगा दें.
>> 19.घर के प्रवेश द्वार में ऊं या स्वस्तिक बनाएँ या उसकी थोड़ी बड़ी आकृति लगाएँ. साथ ही घर के प्रवेश द्वार पर मंगल करने वाले चीजो को लगाये .
>> 20.पूजा घर या उत्तर-पूर्व दिशा में जल से भरकर कलश रखें.
>> 21.शयनकक्ष में भगवान की या धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए.
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डिसक्लेमर : -
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