काल भैरव मंदिर उज्जैन 

Kaal Bhairav Mandir Ujjain . शिव के रूद्र अवतार  भैरव के देश भर में मंदिर है | काशी में भैरव के 8 मंदिर , नाकोडा  भैरव जैन मंदिर में भी ये विराजमान है | उज्जैन में स्तिथ काल भैरव मंदिर भारत के उन चमत्कारी मंदिरों में से एक है जहाँ आँखों के सामने भक्त चमत्कार होते देखते है | यह चमत्कार है की उनके द्वारा चढ़ाई गयी मदिरा का पान खुद काल भैरव करते है | सबसे बड़ी बात यह है कि चाहे इस मूर्ति को कितनी भी मदिरा सुबह से शाम तक लगातार पिलाई जाये , पर मदिरापान करना बंद नही होता है .  यह चमत्कार अपनी आँखों से देखने दूर दूर से भक्त इस मंदिर में आते है . मंदिर के बाहर आपको सैकड़ो मदिरा की दुकाने देखने को मिल जाएगी . 

काल भैरव उज्जैन मंदिर

उज्जैन के दर्शनीय स्थल और मंदिर में काल भैरव का मंदिर विशेष स्थान रखता है | महाकाल मंदिर के साथ साथ 84 महादेव इस नगरी में बसे हुए है | इस नगरी में आकर शिप्रा में कुम्भ स्नान करके महाकाल के फिर हरसिद्धि माता के फिर काल भैरव के दर्शन करना अति मंगलकारी है | इसके अलावा यहा गढ़ कालिका , भूखी माता , चार धाम मंदिर आदि  भी है .  पुरे उज्जैन को घुमने के लिए आपको 2 दिन का समय चाहिए . 

आँखों के सामने मदिरापान करते काल भैरव की प्रतिमा :

इस मंदिर में लगी प्रतिमा आँखों के सामने ही मदिरापान कर जाती है | भक्तो द्वारा चढ़ाई गयी मदिरा एक प्लेटनुमा प्याले में डाली जाती है और जैसे ही पंडित इसे भैरवजी के होठो पर लगाते है और कुछ मंत्रोचार करते है , यह देखते ही देखते गायब हो जाती है | यह सिर्फ एक भक्त की ही नही , मंदिर में आने वाले हजारो भक्तो की मदिरा प्रसादी का आनंद लेते है | मंदिर के बाहर देशी विदेशी मदिरा की बहुत सारी सरकारी और गैर सरकारी दुकाने है |

मदिरापान करने वाले भैरव बाबा

किसने बनाया यह मंदिर :

कहते है इस मंदिर का निर्माण बहुत पुराना है जो राजा भद्रसेन द्वारा बनाया गया | पहले यह मंदिर सिर्फ तांत्रिको के लिए खुला था पर समय के साथ आम जनता के लिए भी मंदिर दर्शन के लिए खोल दिया गया है | रविवार को यहा भैरव भक्तो की अपार भीड़ होती है | पुरे उज्जैन में सिर्फ काल भैरव मंदिर के सामने ही मदिरा मिलती है | बाकि पुरे शहर में दारू की दुकाने नही मिलेगी . 

काल भैरव  मंदिर बाहर से कैसा दिखाई देता है

कहते है चमत्कार को नमस्कार है और यह बात इस मंदिर में शत प्रतिशत लागु होती है | नास्तिक लोग भी यह करिश्मा देखकर आस्तिक बन जाते है | 

कहाँ चली जाती है भैरव जी के चढ़ाई गयी मदिरा :

कुछ लोगो का मत है की यह भैरव स्वं पीते है और कुछ अन्धविश्वासी लोग इस पर यह तर्क देते है भैरव बाबा के द्वारा पी गयी मदिरा किसी नाले के माध्यम से बाहर निकल जाती है | अंग्रेजो के समय भी इस मंदिर के चारो तरफ खुदाई कराई गयी की आखिर मदिरा जाती कहाँ है | पर वे भी इस रहस्य का पता नही लगा पाए | इसे काल भैरव का चमत्कार मानकर खुद एक अंग्रेज अफसर ने इन्हे विदेशी मदिरा का पान करवाया |

पहले चढ़ती  थी बलि

यहा के बड़े बुजुर्गो के अनुसार यह एक तांत्रिक पीठ मंदिर था जहाँ राजा महाराजो के समय से ही बलि चढ़ाई जाती है . मांस और मदिरा का काल भैरव को भोग लगाया जाता था . समय के साथ अब बलि प्रथा तो बंद कर दी गयी है पर मदिरा का भोग अभी भी लगाया जाता है .

पास ही है विक्रांत भैरव मंदिर 

काल भैरव मंदिर से कुछ किमी की दुरी पर है विक्रांत भैरव का मंदिर है . यह बहुत ही रहस्मई और तांत्रिक पीठ स्थान है . यहा अघोरी और तांत्रिक लोग तांत्रिक साधनाओ में लगे रहते है . आम आदमी के लिए रात को यहा जाना मना है .


भैरव नाथ बाबा के 6 प्रसिद्ध मंदिर 

भारत के प्रसिद्ध  तांत्रिक पीठ स्थान कौनसे है ? 

कैसे करे भैरव जयंती कालाष्टमी पर पूजा पाठ

बटुक भैरव जी का स्त्रोत

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