रामचरित मानस की महिमा 

Importance of Ramcharitmanas in Hindi . रामचरित मानस हिन्दुओ की धार्मिक ग्रन्थ है जिसमे रामायण के रूप में प्रभु श्री राम और हनुमानजी की महिमा बताई गयी है | गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसे अवधि भाषा में उत्तरप्रदेश के अयोध्या , काशी और प्रयाग में लिखा है | माना जाता है की स्वयं हनुमानजी ने उन्हें दर्शन देकर इस महाकार्य में उनकी सहायता की थी | रामचरित मानस ग्रन्थ में श्री राम और हनुमान को महाशक्तिशाली बताया गया है | इसे तुलसी रामायण भी कहा जाता है और हिन्दुओ के घर घर में रामायण से ज्यादा इसे ही देखा जाता है | 

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ramcharitmans paath


 कब लिखी गयी रामचरितमानस 

रामचरितमानस को आज से 500 साल पहले उत्तरप्रदेश के चित्रकूट के घाट पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा था. 

इसके पीछे  का कारण उनकी पत्नी थी . तुलसीदास जी अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे और पूरा समय उसी के बारे में सोचा करते थे . पत्नी इस बात से नाराज थी और उन्होंने एक दिन गुस्से में तुलसीदास जो झाड दिया कि इतना प्रेम वो श्री राम में लगाये तो अच्छा होगा . 

बस यह बात तुलसीदास को ऐसी लगी कि वे सब कुछ छोड़कर राम नाम महिमा का पान करने के लिए निकल गये 

प्रभु के इस कारज में हनुमान जी ने उनकी मदद की और उन्होंने अवधी भाषा में रामचरितमानस रूपी रामायण की रचना की . 

इसके साथ उन्होंने कई मंत्र , हनुमान चालीसा , बजरंग बाण आदि शक्तिशाली पाठ भी लिखे . 


रामचरितमानस के काण्ड

रामचरितमानस में कुल मिलाकर 7 काण्ड है . इसमे बालकाण्ड (राम के जन्म का वृतांत ) , अयोध्याकाण्ड (राम के बचपन और शिक्षा का वृतांत ) , अरण्यकाण्ड (राम के वनवास का वृतांत ), किष्किन्धाकाण्ड (सुग्रीव मिलन ) , सुन्दरकाण्ड (हनुमान जी का लंका गमन और सीता का पता लगा का आना ), लंकाकाण्ड (लंका पर राम जी की विजय ) और अंत में उत्तरकाण्ड (राम का अयोध्या आकर राजा का पद संभालना ).

१) बालकाण्ड :

इस काण्ड में अयोध्या नगरी में दशरथ नाम के राजा और उनके पुत्रो का जन्म लेना | जन्म के बाद श्री राम और उनके भाइयो का गुरुकुल में ज्ञान प्राप्त करना और फिर आश्रमों में साधुओ की राक्षसों से रक्षा करना बताया गया है | शिवधनुष को तोड़ कर राम का सीता से विवाह बताया गया है |

२) अयोध्याकाण्ड :

इस कांड में राम सीता विवाह के बाद कैकई अपनी पुत्र भरत को राजा बनाने के लिए महाराजा दशरथ से राम के लिए 14 साल का वनवास मांग लेती है | राम के साथ सीता और लक्ष्मण भी वनवास चले जाते है | दशरथ के देहांत के बाद भरत का ननिहाल से अयोध्या आना और राज काज को टुकरा देना | भरत का राम के पास पहुँचना और अयोध्या चलने को कहना पर राम का वचनों में बंधे रहने के कारन मना कर देना | भरत राम के पादुका को ही ले आते है और उन्हें ही सिंगासन पर रख देते है |

३) अरण्यकाण्ड :

अरण्यकाण्ड में राम सीता का वनवास बताया गया है | चित्रकूट में ऋषि अत्रि से मिलन | फिर पांचवी में गमन | पंचवटी में रावण की बहिन शूर्पणखा का लक्ष्मण द्वारा नाक काटना फिर रावण का सीता हरण और जटायु का रक्षा करना पर रावण द्वारा अधमरा छोड़ जाना | जटायुज का राम से मिलना और आपबीती बताना | सीता की खोज में राम का सबरी के आश्रम में जाना और उन्के झूठे बेर खाना |

४) किष्किन्धाकाण्ड :

इस काण्ड में राम का सुर्ग्रीव और हनुमान से मिलना और बाली के अत्याचारों के बारे मंै बताना | बाली का वध राम के हाथो | सुग्रीव का वानरराज बनना और वानरो को भी सीता की खोज में लगाना | जामवंत का हनुमान को समुन्द्र पार जाने के लिए कहना |

५) सुन्दरकाण्ड :

इस काण्ड में हनुमान का लंका जाना माँ सीता से अशोक वाटिका में मिलना और प्रभु श्री राम के बारे में माता सीता को बताना | फिर राम धुनी सुनकर विभीषण से मिलना | पकडे जाने पर लंका को आग लगाना और पुनः अपने प्रभु श्री राम के पास पहुंचना | 

यह काण्ड सभी काण्डो  में से सबसे उत्तम बताया गया है और इसका पाठ बहुत से लोग करते है . 

६) लंकाकाण्ड :

लंकाकाण्ड में जामवन्त के आदेश पर नल नील द्वारा राम नाम के पत्थर से समुन्द्र पर सेतु बनाना | समुन्द्र पर करके राम और वानर सेना का लंका के राक्षसों से युद्ध करना | लक्ष्मण का मेघनाथ के हटो मुर्छित हो जाना | हनुमानजी का संजीविनी बुट्टी के लिए पूरा पहाड़ लाना और फिर से | रावण और कुम्भकर्ण का वध | विभीषण को लंका का राजा बनाना और राम का सीता के साथ वनवास पूरा करके अयोध्या गमन |

७) उत्तरकाण्ड :

यह रामकथा का अंतिम भाग है जिसमे अयोध्या पहुचने पर राम ,सीता लक्ष्मण और वानर सेना का भव्य स्वागत होता है | फिर राम का राज्याभिषेक होना |

रामचरितमानस और रामायण में क्या फर्क है 

रामायण को त्रेतायुग में वाल्मीकि जी तब लिखा था जब अयोध्या में श्री राम जी रहा करते थे . रामायण संस्कृत में लिखी हुई जिसे आज पढना और समझना कठिन है .

जबकि रामचरितमानस को आज से 500 साल पहले कलियुग में ही गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा था . जो अवधी भाषा में लिखी गयी है जो काफी हद तक हिंदी भाषा से मिलती जुलती है . इसे बच्चा बच्चा पढ़ सकता है . यह पाठ इतना चमत्कारी है कि हनुमान चालीसा तो लगभग हर हनुमान भक्त को याद है . 

रामचरितमानस को बहुत ही सरल छंद  और लय में लिखा गया है . इसमे सबसे अच्छा काण्ड सुन्दरकांड का बताया गया है जो हर मंगलवार शनिवार को घर और मंदिरों में किया जाता है .  


अखंड रामचरितमानस (रामायण ) क्या है . 

रामचरितमानस को उत्तर भारत में अखंड रामायण कहा जाता है . इसे लगातार खत्म होने तक पढ़ा जाता है . इसकी एक विशेष गद्दी होती है जिस पर वाचक यह पढता है . पूरी रामचरितमानस को पढने में लगभग 1 दिन का समय लगता है . इस दौरान गद्दी पर दूसरा वाचक बैठकर इसे पढ़ सकता है जिससे की यह खंडित ना हो .

प्राय मंदिरों में , नए गृह के प्रवेश पर रामायण के पाठ घर की शुद्धि के लिए बैठाये जाते है . इसके बाद रामायण निर्मित हवन किया जाता है .  इसके बाद रामायण जी की और सिया राम जी की आरती की जाती है .  



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