मदुरै का मीनाक्षी मंदिर – इन बातो के कारण है प्रसिद्ध

Madurai Meenakshi Temple :- मीनाक्षी शब्द का अर्थ है जिसकी आँखे मीन (मछली ) की तरह हो | यह मंदिर भगवान शिव की जीवनसंगिनी पार्वती का अवतार और भगवान विष्णु की बहन का है । दक्षिण भारत के भव्य मंदिरों की सूची में इस मंदिर को उच्चतम स्थान प्राप्त है | यह अत्यंत सुन्दर और भव्य निर्माण का उदाहरण  प्रस्तुत करता है | यहा के शिव को सुंदरेश्वर और पार्वती को मीनाक्षी के नाम से जाना जाता है |

कहाँ है मीनाक्षी मंदिर

माँ पार्वती के मीनाक्षी रूप का यह विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडू के मदुरै शहर में है। भक्तो में यह  मीनाक्षी अम्मन मंदिर (Minakshi Amman Temple ) के नाम से प्राचीन समय से प्रसिद्ध है । माँ मीनाक्षी का यह अम्मन मंदिर को विश्व के नए सात अजूबों के लिए नामित किया गया है।

madhure minakshi temple

 

मंदिर के पीछे पौराणिक कथा

हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव सुंदरेश्वर रूप में अपने गणों के साथ पाड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरै नगर आए थे। मीनाक्षी देवी मां पार्वती का ही एक अत्यंत सुन्दर रुप हैं। मदुरै के राजा मलयध्वज पांड्य की तपस्या से प्रसन्न हो मदुराई में पार्वती ने उनकी पुत्री रूप में अवतार धारण किया था |

मंदिर की बनावट

मंदिर का मुख्य गर्भगृह 3500 वर्ष से अधिक पुराना माना जा रहा है। यह मंदिर भी भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इस विशाल भव्य मंदिर का स्थापत्य एवं वास्तु भी काफी रोचक है। जिस करण माँ का यह मंदिर को सात अजूबों में नामांकित किया गया है। इस इमारत में 12 भव्य गोपुरम है, जिन पर महीन चित्रकारी की है। इन गेटो का आकार 45 से 50 मीटर ऊँचा है .   इस मंदिर का विस्तार से वर्णन तमिल साहित्य में प्रचीन काल से होता आया है।

र्तमान में जो मंदिर है यह 17वीं शताब्दी में बनवाया गया था। मंदिर में आठ खंभो पर आठ लक्ष्मीजी की मूर्तियां अंकित हैं। इन पर भगवान शिव की पौराणिक कथाये अंकित हैं। । मछली पांड्य राजाओं को राजचिह्न है।

मंदिर परिसर में ही स्वर्णकमल पुष्कर (पोर्थमराईकुलम) एक पवित्र सरोवर है जो 165 फीट लम्बा एवं 120 फीट चौड़ा है। यहाँ रोज हज़ारों की संख्‍या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

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मंदिर की समय तालिका

मीनाक्षी मन्दिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक खुला रहता है फिर इसके पट्ट बंद कर दिए जाते है जो पुन: संध्या के 4 बजे खुलते है और फिर रात 9.30 बजे तक खुले रहते है |

कैसे जाए मीनाक्षी मंदिर 

मीनाक्षी मंदिर जाने के लिए आपको सबसे पहले मदुरै तक आना होगा जो तमिल नाडू से 462 किमी की दुरी पर है . मदुरै तक आने के लिए आप ट्रेन , बस या एयरप्लेन का सहारा ले सकते है . 

मदुरै रेलवे स्टेशन से मीनाक्षी मंदिर सिर्फ 2 किमी की दुरी पर है जबकि यदि बाते करे मदुरई एयरपोर्ट की तो यह इस मंदिर से 12 किमी की दुरी पर है . 

सड़क मार्ग के द्वारा यह मंदिर सभी आस पास के शहरो से जुड़ा हुआ है . 

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सारांश 

  1. तो दोस्तों आपने जाना कि तमिलनाडू के मदुरै मीनाक्षी मंदिर के बारे में . यहा हमने आपको बताया इस मंदिर का इतिहास , मंदिर की बनावट और इस मंदिर तक कैसे जाए . आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी  

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