खाटू श्याम जी (श्याम बाबा ) से जुड़ी 15 रोचक बातें

Khatu Shyam Ji Se Judi Rochak Baate खाटू श्याम बाबा जिनका मुख्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले से करीब 40 किमी की दुरी पर है | दुनिया भर में करोड़ो श्याम भक्त है जिनका बाबा श्याम में अटूट विश्वास है | हजारो की संख्या में ऐसे परिवार भी है जिनके ये कुल देवता है और उनके जात जडुले इसी मंदिर में उतरते है | आज हम इस पोस्ट के माध्यम से मुख्य बाते बाबा श्याम से जुडी हुई आपको देने जा रहे है |


1 . कौन है खाटू श्याम जी -  खाटू श्याम जी महाभारत में वीर बर्बरीक का ही नाम है | बर्बरीक पांडव पुत्र भीम के पौत्र थे जिनकी माता मोर्वी और पिता घतोच्कच थे | यह माँ कामख्या के परम भक्त थे और उनकी तपस्या से ही तीनो लोको को जीत पाने की इन्हे शक्ति अर्जित थी | यह हारे हुए पक्ष अर्थात कौरवो की तरफ से लड़ना चाहते थे , तब श्री कृष्ण ने पांडवो की जीत के लिए इनका शीश अपने सुदर्शन चक्र से काट कर इन्हे कलियुग में घर घर श्याम नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था | इनका शीश अमर है जिसे कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में नौ देवियों ने अमृत से सींचा था |

श्याम से जुड़ी रोचक बातें

एकादशी और द्वादशी श्याम भक्तो के लिए खास दिन

2. खाटू श्याम जी की पूजा का सबसे उत्तम दिन शुक्ल एकादशी को माना जाता है | फाल्गुन एकादशी के दिन इनका शीश श्याम कुंड से निकाला गया था | कार्तिक शुक्ल एकादशी को श्याम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है |

3. फाल्गुन मेला -  बाबा श्याम का लक्की मेला हर साल फाल्गुन माह में 10 दिनों के लिए भरता है | जिसमे देश भर से लाखो भक्त आते है | यह मेला फाल्गुन शुक्ल प्रथम से शुरू होकर फाल्गुन शुक्ल द्वादशी तक भरता है | सबसे मुख्य मेला दिवस फाल्गुन शुक्ल एकादशी का होता है |

4. साल में सिर्फ एक बार श्याम बाबा का रथ नगर भ्रमण पर निकलता है जो फाल्गुन शुक्ल एकादशी को करीब 11 बजे से 2 बजे के बीच |

5. प्रिय भोग  बाबा श्याम का प्रिय भोग खीर चूरमा और मावे के पेडे का लगता है |

6 . श्याम बाबा को निशान अर्थात विजयी ध्वजा चढाने की बड़ी मान्यता है | कहते है जो किसी अरदास के साथ इन्हे ध्वजा चढाते है उनकी इच्छा बाबा जरुर पूरी करते है | यह ध्वजा रींगस से खाटू श्याम जी तक पदयात्रा करके चढ़ाई जाती है | निशान चढाने से जुड़े कुछ नियमो का जरुर पालन करना चाहिए |

7 . प्रसिद्ध नाम  श्याम बाबा का प्रसिद्ध नामो में से कुछ है मोर्विनंदन , लखदातार , खाटू नरेश , तीन बाण धारी , खाटू नाथ , शीश के दानी आदि | बाबा के भक्त इन जयकारो से बाबा को रिझाते है |

8. खाटू श्याम जी के अनन्य भक्तो में भक्त शिरोमणी आलू सिंह जी और श्याम बहादुर जी का नाम सबसे पहले लिए जाता है | यह दोनों श्याम भक्ति में अमर हो गये है | श्याम बाबा के कीर्तनो और प्रोग्रामो में इनके नाम जरुर लिए जाते है और बाबा के श्रंगार के पास इन दोनों महान श्याम भक्तो की तस्वीर भी लगाई जाती है . 

9. मुख्य तिथि एकादशी -  श्याम बाबा से जुड़ा व्रत शुक्ल पक्ष एकादशी का रखा जाता है , अगले दिन द्वादशी पर श्याम बाबा की ज्योत लेकर खीर चूरमे का भोग लगा कर उपवास का पारण किया जाता है |

10.खाटू श्याम जी का जिक्र 18 महापुराणों में से एक स्कंद पुराण में आता है | स्कन्द पुराण के माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड कौमारिका खंड में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से किया है, इसी पुराण में भीम पौत्र बर्बरीक जी का बख्यान आया है . 

11. श्याम निशान यात्रा :  खाटू श्याम जी के साथ जुड़ी है एक प्रसिद्ध निशान यात्रा . इस यात्रा में भक्त अपनी अपनी श्रद्धा से हाथो में श्याम बलिदान की ध्वजा हाथ में लिए मंदिर तक पद यात्रा करते है और जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते है . पुरे साल भर में लाखो की संख्या में ध्वजा मंदिर में चढ़ाई जाती है .

12 . श्याम कुण्ड -    खाटू श्याम मंदिर के पास ही श्याम कुंड नाम की जगह है . कहते है कि इसी जगह से खाटू श्याम जी का शीश धरती से निकला था जिन्हें कलियुग में घर घर में पूजे जाने का वरदान श्री कृष्णा से प्राप्त है .

shyam kund


13  .भारत में सबसे ज्यादा जागरण कीर्तन किसी देवी देवता के होते है उसमे खाटू श्याम जी का नाम सबसे पहले आता है . इनके भक्तो के परिवार को श्याम जगत कहा जाता है . इनके मुख्य भजन गायकों में लखवीर सिंह लक्खा , नन्द किशोर जी भैया , संजय मित्तल , संजू शर्मा , रेशमी शर्मा , जया किशोरी जी है  .

14  . जीण भवानी मंदिर -  खाटू श्याम जी मंदिर से कुछ किमी की दुरी पर जीण माता का धाम है . यहा नवरात्रों में अपार भीड़ लगती है . कहते है कि जीण माता माँ दुर्गा का ही अवतार है और भंवरा देवी के रूप में पूजी जाती है . 

jeen mata ka mandir


15. प्रतीक चिन्ह -  खाटू श्याम जी प्रतीक चिन्ह तीन बाण और एक धनुष है . कहते है कि उनके पास ब्रह्माण्ड विजय करने वाले तीन तीर थे जो एक क्षण में ही महाभारत के युद्ध को ख़त्म कर सकते थे . ये तीन बाण और दिव्य भस्म उन्हें माँ कात्यायनी ने तपस्या से प्रसन्न होकर दी थी . इस धनुष पर आपको दिखेगा " मां सैव्यम पराजित " अर्थात मैं हारे हुए पक्ष का साथ दूंगा और हारे का सहारा कहलाऊंगा . 

खाटू श्याम जी का प्रतीक चिन्ह

खाटू श्याम जी का चमत्कारी शिवलिंग जिसमे से निकली थी खून की धार

सारांश 

  1. तो इस आर्टिकल में हमने जाना कि खाटू श्याम जी (श्याम बाबा ) से जुड़ी रोचक बातें कौनसी है जो श्याम भक्तो को जरुर जाननी चाहिए .   आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी. 

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