विजया एकादशी व्रत 2024 का महत्व 

Vijaya Ekadashi Vrat 2024 . सभी मनोकामनाओ को पूर्ण करने वाली और हर समस्या पर विजय दिलवाने वाली एकादशी का नाम है विजया एकादशी जो फाल्गुन माह की पहली कृष्ण पक्ष की एकादशी है . 

यहा हम विजया एकादशी के महत्व और उसके व्रत विधि के बारे में जानेंगे . 

vijayada ekadashi vrat


2024 में कब है विजया एकादशी  :

Kab Hai Vijaya Ekadashi . इस साल विजया एकादशी 6,7 मार्च को आ रही है . पंचांग के अनुसार 6 मार्च को सुबह 6:30 से यह शुरू होगी जो अगले दिन 7 मार्च को सुबह 4:13 तक रहेगी . इस लिहाज से 6 मार्च को ही इस विजया एकादशी का उपवास रखा जा सकता है . 

वही पारण का समय 7 मार्च को दोपहर 1 :28 PM से 3:49 PM तक है . 

विजया एकादशी का महत्व 

जैसा ही इस एकदशी का नाम ही विजया है अत: यह आपको अपनी समस्याओ और दिक्कतों में विजय दिलाने का कार्य करती है . आप इस दिन उपहास रख रहे है तो प्रभु से अपनी उस दिक्कत की बात कहे जिससे आप उभरना चाहते है .

ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में राजा महाराजा अपने शत्रु राजाओ पर विजय प्राप्त करने के लिए इस एकादशी का व्रत नियम पूर्वक रखते थे और फिर जीत जाया करते थे . 

ऐसा भी बताया जाता है कि श्री राम जी लंका में जाने के लिए समुन्द्र तट पर विजया एकादशी का व्रत रखा था और उसके बाद उन्हें लंकापति रावण पर विजय प्राप्त हुई थी .  तब से इस विजया एकादशी का अत्यंत महत्व बताया जाता है जो आप शत्रुओ पर विजय दिलाने में सहायक है . 

विजया एकादशी व्रत में ध्यान रखे ये बातें 

* सबसे पहले एकादशी के इन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रभु का ध्यान करे और उपहास करने का संकल्प ले . 

* इसके बाद स्नान आदि नित्य कर्म पुरे करे और साफ़ सुथरे कपडे पहने . 

* एकादशी का व्रत रख रहे है तो एकादशी के नियमो के अनुसार ही काम करे . 

* भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर विष्णु मंत्रो और जाप और आरती करे . 

* संध्या को भी ज्यादा से ज्यादा समय विष्णु भक्ति और पुराणों को पढने में लगाये . 

* रात को जमीन पर ही सोये . 


सारांश 

  1. तो दोस्तों यहा आपने जाना कि फाल्गुन माह की पहली एकादशी विजया का क्या महत्व है . इससे जुड़ी पौराणिक कथा और व्रत विधि को भी हमने विस्तार से बताया . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.

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