ब्रह्म मुहूर्त समय का महत्व 

Braham Muhurat Importance . हमारे धर्मग्रंथो में ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के अंतिम पहर को बताया गया है जो सूर्योदय से चार घडी (डेढ़ घंटे ) पहले बताया गया है | मुख्य रूप से यह समय रात्रि के 4 बजे से शुरू हो जाता है जिसे देवताओ का समय भी कहते है .  यह समय निद्रा त्याग के लिए सबसे उत्तम है | इस समय सोना शास्त्र के विरुद्ध है |

braham muhurat ka samay

शास्त्र में बताया गया है की

ब्रह्ममुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी”।

ब्रह्ममुहूर्त में भी जो व्यक्ति  सोने में इस समय को  व्यतीत करता है वो अपने पुण्यो को क्षय करने वाला होता है | ब्रह्म मुहूर्त में उठने के अनेको फायदे हमारे पुराणों में बताये गये है . 

विज्ञान से भी वातावरण सबसे शुद्ध :

इस समय वायु मण्डल वायु और ध्वनी दोनों प्रदूषण से मुक्त होता है | हमारे स्वास्थ के लिए अमृत समान वायु श्वशन के लिए प्राप्त होती है जो हमारी  सेहत के लिए बहूत लाभकारी है | हम सोकर उठते है अत: शारीरिक और मानसिक आराम पाकर यह समय भक्ति और ज्ञान प्राप्ति के लिए सर्वोतम माना जाता है |

भक्ति पूजा के लिए सबसे उत्तम समय :

यह समय निद्रा के उठने के बाद नित्य कर्म कर स्नान आदि के बाद का और दिन की शुरुआत का है अत: अपने दिन की शुरुआत में ही ईश्वर की आराधना करके उनसे आशीष लेने से सम्पूर्ण दिन मंगलमय जाने की सम्भावना बढ़ जाती है | इस समय शरीर और मन शांत रहता है, मन में इधर उधर के ख्याल नही आते और आप शत प्रतिशत पूजा का फल प्राप्त करते है |

ब्रहम मुहूर्त में पूजा पाठ महत्व


विद्यार्थियो के लिए सबसे उत्तम समय 

चुकी ब्रह्ममुहूर्त रात की नींद के बाद का सबसे पहला समय होता है अत: इस समय आपका शरीर और दिमाग दोनों आराम किये हुए होते है . ऐसे में यदि विद्यार्थी  इस समय पढाई करे तो उन्हें पढाई का पूरा फायदा मिलता है . 

ब्रहम मुहूर्त में पढाई


वातावरण शांत मन एकाग्र रहता है .  एक शौध के अनुसार इस समय पर की गयी पढाई बाकि समय की तुलना में तीन गुणा ज्यादा प्रभावशाली होती है .   इस समय की गयी पढाई लम्बे समय तक याद रहती है और शीघ्रता से हो जाती है . 

 कैसे उठे ब्रह्म मुहूर्त में 

दोस्तों विज्ञान के अनुसार एक स्वस्थ शरीर के लिए 6 से 7 घंटे की नींद पर्याप्त होती है . यदि आप भी अब से ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहते है तो सबसे पहले जल्दी सोने की आदत डाले . यदि आप रात को  10 बजे के करीब सोते लग जायेंगे तो ब्रह्म मुहूर्त में उठना आपके लिए सरल हो जायेगा . 

आप इसके लिए फोन का अलार्म सेट कर सकते है . कुछ दिन आपको उठने में दिक्कत हो सकती है पर धीरे धीरे फिर यह आपकी आदत में आ जायेगा .   

जल्दी सोना और जल्दी उठना एक बहुत बड़ा गुण होता है जो मानव को उन्नति के मार्ग पर ले कर जाता है .  

मंदिरों में पहली आरती होती है ब्रह्म मुहूर्त में

भगवान की पहली आरती मंदिरों में ब्रह्म मुहूर्त में होती है जिसमे सबसे पहले मंदिर के पट खोल कर सफाई की जाती है . इसके बाद भगवान को स्नान कराके उनकी पूजा अर्चना और आरती की जाती है . यह पहली आरती मंगला आरती के नाम से जानी जाती है .

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सारांश 

  1. हमारे हिन्दू धर्म में सबसे उत्तम समय अवधि कौनसी होती है . इस उत्तम अवधि ब्रह्म मुहूर्त का क्या महत्व पुराणों और धर्म शास्त्रों में बताया गया है . ब्रहम मुहूर्त के क्या फायदे होते है .   आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.

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