भारत की पवित्र धार्मिक नदियाँ

7 Holy and Religious  Rivers Of India

भारत की पवित्र धार्मिक नदियाँ जिन्हें माँ का दर्जा प्राप्त है | पुराणों में इन्हे लेकर कथाये बताई गयी है | इनकी महिमा और महत्व के बारे में यह पोस्ट जरुर पढ़े | इन सभी नदियों का जल पवित्र होता है जिसमे स्नान से पाप नष्ट होते है और असीम शांति की प्राप्ति होती है | इन नदियों के किनारे पर कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है | आइये जानते है वे धार्मिक और महा नदियों के बारे में जो आस्था का केंद्र है |

bhart ki pavitra nadiyaan

यह भारत की सबसे पवित्र धार्मिक नदियों में सबसे ऊपर है | यह जहा जहा बहती है वो जगह मोक्षदायिनी स्थली बन जाती है | गंगोत्री धाम गौमुख से निकलकर यह सागर से गंगा सागर तीर्थ स्थल पर मिलती है | यह भागीरथ की घोर तपस्या के कारण विष्णु लोक से पृथ्वी पर आई है | इसे उत्तराखंड उत्तर के चार धाम में गिना जाता है | एक डुबकी लगाने से अनेक जन्मों के पाप क्षय हो जाते हैं। हिन्दू धर्म में मरने के बाद गंगा में अस्थि विसर्जन का कर्म किया जाता है | गंगा जल चमत्कारी शक्तियों से भरा हुआ है क्योकि कभी भी यह नदी मैली नही होती |

काशी नगरी गंगा जल

यमुना (Yamuna) :

यमुना सूर्य भगवान की पुत्री और मृत्यु के देवता यमराज की बहिन है | उत्तराखंड में यमुनोत्री से यह निकलती है , वही यमुना मंदिर भी है | इस नदी का सम्बन्ध मुख्य रूप से श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है . कृष्ण के जन्म के बाद सबसे पहले इसी नदी ने उनके पैर छुए थे वासुदेव उन्हें मथुरा की जेल से गोकुल में नन्द बाबा के ला रहे थे . 

कृष्ण ने इसी नदी के कालियां नाग को सबक सिखा कर यमुना से अलग किया था . 

यह नदी हिमालय से निकल कर , दिल्ली , मथुरा होते हुए प्रयागराज में गंगा से मिल जाती है . 

सरस्वती (Saraswati) :

सरस्वती एक पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है। प्रयाग त्रिवेणी संगम पर जो तीन नदियों का मिलन होता है उसमे गंगा यमुना और सरस्वती है | हालाकि यहा इलाहाबाद में यह त्रिवेणी संगम में दिखाई नही देती , पर अभी भी लोगो का मानना है की यह अद्रश्य रूप में बहती है | 

प्रयागराज में संगम तीन नदियों का

नर्मदा (Narmda) :

यह नदी भगवान शिव के पसीने से उत्पन्न हुई है | फिर राजा-हिरण्यतेजा ने चौदह हजार दिव्य वर्षों की घोर तपस्या कर शिव से इसे धरती पर आने का वरदान माँगा था | इस नदी के एक तरह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ओम्कारेश्वर और दूसरी तरफ ममलेश्वर है | नर्मदा के पत्थर से बने शिवलिंग अत्यंत प्रसिद्ध है |  कहते है की नर्मदा का कंकर कंकर शंकर है . हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से माघ महीने में शुक्ल पक्ष सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है . 

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश पवित्र नदी

गोदावरी (Godavari) :

यह नासिक में बहने वाली नदी है | इसका उद्गम नासिक से पहले आना वाला चक्रतीर्थ नामक कुण्ड है | मान्यता है की इस नदी को गौतम ऋषि की कठोर साधना ले कर आई थी | इस नदी के पवित्र जल में कुम्भ स्नान का मेला भी भरता है | 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग भी गोदावरी के तट पर है। इस नदी में दुबकी से पाप दूर होते है | गोदावरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है . 

गोदावरी नदी


शिप्रा (Shipra):

यह महाकाल की नगरी उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी है | पुराणों में बताया गया है यह भगवान विष्णु के खून से उत्पन्न हुई है | यह तेज बहने वाली नदी है | इस नदी के तट पर उज्जैन में कुम्भ के मेले का आयोजन किया जाता है |  यह सिंहस्थ कुम्भ हर 12 साल में लगता है .  इस नदी के तट पर काल भैरव मंदिर , भूखी माता मंदिर  और कई घाट बने हुए है |

शिप्रा नदी उज्जैन की पवित्र


कावेरी (Kaveri )  :

कावेरी नदी दक्षिण भारत में बहने वाली नदी है जो अत्यंत पवित्र और धार्मिक है .  यह नदी ब्रह्मगिरी पहाड़ी से निकलती है और कर्नाटक और तमिलनाडू से होते हुए बहती है . इसके बाद यह नदी बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है . इस नदी पर बना सुंदर शिवसमुद्रम जलप्रपात भारत का दूसरा सबसे बड़ा  जलप्रपात है . 

इस दिन का महात्मन इतना है कि इसे भी दक्षिणी गंगा के नाम से जाना जाता है . 

घर में रखा है गंगा जल तो भूलकर भी ना करे ये गलतियां 

सारांश 

  1. भारत की पवित्र और धार्मिक नदियाँ कौनसी है जो देवी माँ तुल्य समान है  , इन पवित्र नदियों की क्या महत्व और महिमा है .  हमने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना .  आशा करते है कि आपको यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी होगी . 

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