कौन है काम के देवता कामदेव जाने रोचक मुख्य बाते

10 Things you have to know about god of love – kamdev

हिन्दू धार्मिक शास्त्रों और पुराणों में बताया गया है की कामदेव प्यार और काम के देवता है जिनकी पत्नी का नाम रति है | ये दोनों अत्यंत सुन्दर ,  जवान और मनमोहक है | जैसे पश्चिमी देशों में क्यूपिड और यूनानी देशों में इरोस को प्रेम का देवता माना जाता है वैसे ही हिन्दू धर्म में कामदेव का बताया गया है |

कौन है काम देव , जाने रोचक बाते


इनका वाहन कही हाथी बताया गया है तो कही इन्हे तोते पर सवार बताया गया है | इनके हाथ में धनुष बाण है जो कामेच्छा को अत्यंत बढ़ा देते है | ऐसा ही एक बाण उन्होंने भगवान शिव पर चलाया था जो उस समय घोर तपस्या में लीन थे | तपस्या भंग होने पर शिव जी  कामदेव को अपने तीसरे नेत्र की क्रोधाग्नि से भस्म कर दिया था |

शिव का त्रिनेत्र घोर प्रलय लाने वाला है . 

भगवान कार्तिकेय से जुडी मुख्य रोचक बाते

कामदेव का परिवार 

⭐ काम देव के माता पिता :  पुराणों में बताया गया है माँ लक्ष्मी और विष्णु भगवान के पुत्र है कामदेव . 

⭐ काम देव की पत्नी - रति

⭐ कामदेव का वाहन - तोता और हाथी

⭐ पुत्र : इनका पुत्र सबसे सुहाना ऋतू बसंत को बताया गया है . 

⭐ कामदेव अवतार - द्वापर में कृष्ण पुत्र के रूप में प्रद्युम्न 

कामदेव का अस्त्र कौनसा है ? 

कामदेव का अस्त्र अजोबोगरीब धनुष बाण है . यह अजीब इसलिए है क्योकि यह किसी का वध नही करते बल्कि उसके मन में कामवासना बढ़ा सकते है . 

इनका धनुष गन्ने से बना है जबकि धनुष की रस्सी मधु से बनी है  जबकि बाण मन मोहक फूलो से . 

इनके पास मुख्य रूप से पांच शक्तिशाली बाण है जो है मारण , स्तम्भन,  जृम्भन,  शोषण और   उम्मादन (मन्मन्थ)

पढ़े : शिव ने क्यों और कहाँ किया कामदेव को भस्म

कामदेव का वो मंदिर जहाँ भस्म हुए थे कामदेव 

पुराणों में जिक्र आया है भगवान शिव के त्रिनेत्र की प्रचंड अग्नि से कामदेव भस्म हो गये थे , यह जगह आज भी भारत में मौजूद है . इस जगह का नाम  कामेश्वर धाम है . यहा आज भी वो वृक्ष है जो आधा जला हुआ है . कहते है कि यह पेड़ शिव जी की तीसरी आँख की ज्वाला से जला था जिसके पीछे कामदेव छिपे हुए थे . 

कामेश्वर धाम मंदिर बलिया उत्तर प्रदेश


यह जगह उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में स्थित  है 

क्या है त्रिपुंड तिलक और इसे क्यों लगाते है शिव भक्त 

कामदेव का प्रसिद्ध मंदिर 

असम  के गुवाहाटी शहर में स्तिथ है मदन कामदेव मंदिर जो मध्य प्रदेश की एलोरा की याद दिलाता है | इसे असम का खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है |

madan kamdev mandi assam


यहा प्राचीन मंदिर में पत्थरो पर कामदेव और उनकी लीलाओ के चित्रण किये गये है |

बसंत को कामदेव का मित्र माना जाता है और बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के साथ कामदेव की भी पूजा की जाती है |

फिर से जन्मे द्वापर में कामदेव 

भस्म हुए कामदेव को पुन: प्राप्त करने के लिए उनकी पत्नी रति ने शिव की घोर तपस्या की | शिव ने प्रसन्न होकर उसे बताया की कृष्ण के पुत्र रूप में फिर से कामदेव जन्म लेंगे | शिव के कथानुसार द्वापर में श्रीकृष्ण और रुक्मणि को प्रद्युम्न नाम का पुत्र प्राप्त हुआ जो कामदेव ही थे |

सारांश 

  1. तो दोस्तों आपने हिन्दू धर्म में काम और वासना के देवता कामदेव के बारे में यहा विस्तार से जाना . हमने बताया कि कैसे काम देव कामवासना के देवता कहलाते है . कामदेव का परिवार कौन है . आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी .  

Post a Comment

Previous Post Next Post