क्यों होते है माला में 108 दाने – 108 का महत्व

Kyo Hote Hai Mala Me 108 Manke . हिन्दू धर्म में 108 संख्या का धार्मिक महत्त्व अत्यधिक है , चाहे माला के दाने हो या किसी संत के नाम के साथ 108 , 1008 जैसी संख्या बहूत मायने रखती है |

आपने पहले इस वेबसाइट के माध्यम से जान लिया था कि किस देवी देवता की पूजा के लिए कौनसी माला काम में ली जाती है . पर हर माला में 108 ही मनके क्यों होते है ? इसके पीछे के कारणों का धार्मिक और वैज्ञानिक मत समझा है |

माला में 108 मनके क्यों होते है

आइये आज इस पोस्ट से जानते है हिन्दू धर्म में 108 नंबर का क्या महत्व है ? 

श्वसन क्रिया में 108 का महत्व :

एक स्वस्थ मनुष्य एक सम्पूर्ण दिन में करीब 21600 बार सांस लेता है। जिसमे 12 घंटे के दिन में 10800 और 12 घंटे की रात में 10800 बार सांस ली जाती है | 12 घंटे का दैनिक कार्य और 12 घंटे या 10800 साँसे ईश्वर की भक्ति में लगाने चाहिए | पर व्यस्त जीवन में यह संभव हो नही पाता इसलिए इसमे से 00 हटाकर जो राशि प्राप्त होती है वो है 108 जो एक माला जाप में पूर्ण हो जाती है | और इस तरह एक माला जाप से हम 12 घंटे के पूजन को इस तरह पूर्ण कर देते है |

mala ke manke kya hote hai

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सूर्य की कला से जुड़ा है 108

दूसरी मान्यता में सूर्य देव एक वर्ष दो बार अपनी स्थिति बदलकर 216000 कलाएं बदलता है , अत: हर स्थिति में 108000 कलाओ में होता है | इसमे से 000 हटाने से 108 प्राप्त होते है जो एक माला के दाने का सूर्य की कलाओ का प्रतिनिधित्व करता हूँ बताते है |

ज्योतिष में 108 का महत्व

ज्योतिष में 12 राशियाँ बताई गयी है और इन राशियों में 9 ग्रह विचरण करते है अत: इन दोनों संख्याओ को गुणा करने पर 12*9= 108 प्राप्त होते है जो 108 संख्या के महत्व को बताते है |

एक अन्य ज्योतिष मान्यता के अनुसार नक्षत्र है 27 और उनके चरण है 4 अत: इनके गुणा से प्राप्त होने वाली राशि भी आती है :

27 नक्षत्र *4 चरण = 108

56 भोग का दुगुना

हमने आपको पहले बताया था की भगवान के 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है . हम सभी मुख्य रूप से दिन में दो बार भोजन करते है . एक सुबह और दूसरा शाम को . अत: इस गणित से 

भगवान यदि दो बार दिन में भोजन करे तो उन्होंने कुल मिलाकर 108 व्यंजन खायेंगे . 

56 *2 =108 

अत: इस लिहाज से भी 108 संख्या का हिन्दू सनातन धर्म में महत्व होता है . 

समुन्द्र मंथन से भी है 108 का सम्बन्ध 

विश्व के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर कम्बोडिया में अंकोरवट में अति प्राचीनकालीन समुन्द्र मंथन की चित्रकारी पत्थरो से बनी एक दीवार पर की गयी है . यह समुन्द्र मंथन देवताओ और असुरो के द्वारा क्षीर सागर पर मंदार पर्वत पर बंधे वासुकी नाग को खीचने से हुआ था जिसमे एक तरफ 54 देवता तो दूसरी तरफ 54 असुर थे . दोनों मिलकर 108 बनते है .


सारांश 

  1.  तो दोस्तों इस आर्टिकल से आपने जाना कि क्यों माला में 108 मनके होते है , साथ ही हमने आपको बताया कि हिन्दू धर्म में 108 संख्या का क्या महत्व है . आशा  करता हूँ कि यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी. 

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