श्याम बाबा के शीश दान करने की भूमि चुलकाना धाम

Chulkana Dham - Shyam Sheesh Daan . कलियुग में श्री कृष्ण के वरदान के फलस्वरुप श्याम बाबा घर घर में पूजे जाते है जिनका मुख्य मंदिर खाटू धाम राजस्थान में है . इसके साथ ही आज देश के कोने कोने में उनके मंदिर है . इसमे कुछ ऐसे है जो इतिहास के साथ जुड़े हुए है जिसमे एक है चुलकाना धाम श्याम मंदिर .


शीश दान चुलकाना धाम मंदिर


वह जगह जहाँ बाबा श्याम ने भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दिया | यह अमर बलिदान चुलकाना की पावन भूमि पर हुआ जहा पास में आज भी एक पीपल का पेड़ है जिसके पत्ते आज भी छिड़े हुए आते है |

खाटू श्याम मंदिर सूरत धाम से जुड़ी जानकाकारी 

कहाँ पड़ता है चुलकाना श्याम मंदिर

हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे से  5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुलकाना गांव में  चुलकाना गांव में सिद्ध श्री श्याम प्रभु के मंदिर की स्थापना हुई | आप चुलकाना धाम से सबसे नजदीक रेलवे ‘भोडवाल मजरी’ और ‘समालखा’ पर उतर सकते है , उसके बाद आप ऑटो कार द्वारा मंदिर तक आ सकते है . 

chulkana dham


मंदिर में आपको एक शिलालेख मिलेगा जिसमे लिखा है प्राचीन श्याम मंदिर चुलकाना धाम . 

जहाँ दिया था शीश का दान , वो यही धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र भूमि चुलकाना धाम . 

 

chulkana dham shyam mandir

खाटू श्याम जी श्याम बाबा से जुड़ी रोचक बातें जो आपको जाननी चाहिए



चुलकाना श्याम मंदिर समय तालिका 

चुलकाना धाम मन्दिर समयहफ्ते के सातो दिन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक एवं शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक(7:00 AM - 12:00 PM & 4:00 PM - 9:00 PM)

विशेष नोट - गर्मी सर्दी और किसी कारणवश मंदिर की समय तालिका बदली जा सकती है . 

श्री श्याम मंदिर सेवा समिति चुलकाना धाम


वर्ष 1989 में इस मंदिर के उद्धार हेतु कमेटी गठित की गई जो मंदिर से जुड़े सभी मुख्य कार्यो को संभालती है . यहा आपको श्याम भक्त बाबा मनोहर दास जी की समाधि भी देखने को मिलेगी . 

 बाबा मनोहर दास ने ही सबसे पहले श्याम बाबा की पूजा अर्चना की थी. वैरागी परिवार की 18वीं पीढ़ी मंदिर की देख रेख में लगी हुई है. मंदिर में एक कुंड भी बनाया गया है. 

मुख्य द्वार पर शीश दान की प्रतिमा 

आप जब चुलकाना धाम मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको द्वार पर श्री कृष्ण और बर्बरीक की प्रतिमा दिखाई देगी . यहा बर्बरीक जी अपने घुटनों पर बैठे हुए है और श्री कृष्ण को अपना शीश काट कर भेंट कर रहे है .

बर्बरीक शीश दान


प्रतिमा में कृष्ण का रंग नीले रंग का है . दरहसल इस शीश दान का सीधा सम्बन्ध कुरुक्षेत्र के युद्ध से जुड़ा था . यदि यह शीश दान नही होता तो बर्बरीक कौरवो का साथ देते और फिर पांडवो की हार निश्चित हो जाती . अत; धर्म की जय के लिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक से शीश दान ले लिया और बदले में उन्हें घर घर खाटू श्याम के नाम से पूजे जाने का वरदान दे दिया .

श्याम संग हनुमान और काली माँ 

चुलकाना श्याम मंदिर में मुख्य प्रतिमा में बाबा श्याम है और उनके दाई तरह माँ काली और बांयी तरफ हनुमान जी की प्रतिमा है . तीनो देवी देवता की प्रतिमा एक आकार की है .

इसके अलावा यहा श्री कृष्ण बलराम और शिव परिवार की प्रतिमाये भी है .

श्याम बाबा हनुमान और काली माँ

पीपल का चमत्कारी पेड़ 


इस धाम का एक चमत्कार यह है कि यहा एक महाभारत कालीन पीपल का पेड़ है जिस पर सभी पत्ते छिड़े हुए आते है . ऐसी मान्यता है कि यह बर्बरीक की धनुर्विद्या का कमाल है . जब श्री कृष्ण उन्हें एक ही बाण से पेड़ के सारे पत्ते बेधने को कहते है तब बर्बरीक ने वो अचूक बाण चलाया था और आज भी इस पेड़ के पत्ते छिड़े हुए ही आते है .

लोग इस पेड़ को चमत्कारी मानते है और इसकी परिक्रमा करके इसके चारो तरह अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए एक मोली बांधते है .

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