आमलकी एकादशी महत्व | व्रत कथा | पूजा विधि

आमलकी एकादशी महत्व | व्रत कथा | पूजा विधि -Aamlaki Ekadashi Importance

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की ‘आमलकी एकादशी’ का माहात्म्य हमें पुराणों और धर्मशास्त्रो से प्राप्त होता है | इस एकादशी पर किया जाने वाला व्रत 84 लाख योनियों में भटकाव को खत्म कर मोक्ष की प्राप्ति कराता है | आमलकी यह “आंवला ” के लिए आया है | इस दिन आंवले की विशेष पूजा की जाती है | हमने पहले भी बताया था की भारत में पूजनीय और धार्मिक वृक्ष में आंवले के पेड़ का भी अहम स्थान है |

aamaki ekadashi vrat vidhi


आमलकी एकादशी 2024 कब है 

Kab Hai Aamalki Ekadashi Vrat . इस साल 2024  में आमलकी एकादशी मार्च 20 ( बुधवार ) के दिन आ रही है |

आमलकी एकादशी शुरू : 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट से 

आमलकी एकादशी ख़त्म : 21 मार्च को सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक  

आमलकी एकादशी की कथा

इस संदर्भ में एक राजा की कथा का उल्लेख किया गया है जो पूर्व जन्म में एक शिकारी था।

एक बार आमलकी एकादशी के दिन जब सभी लोग मंदिर में एकादशी का व्रत करके भजन और पूजन कर रहे थे तब मंदिर में चोरी के उद्देश्य से वह मंदिर के बाहर छुप कर बैठा रहा।

मंदिर में चल रही पूजा अर्चना देखते हुए वह लोगों के जाने का इंतजार कर रहा था। अगले दिन सुबह हो जाने पर शिकारी घर चला गया।

इस तरह अनजाने में शिकारी से आमलकी एकादशी का व्रत हो गया। कुछ समय बाद शिकारी की मृत्यु हुई और उसका जन्म राज परिवार में हुआ।

एकादशी व्रत करते समय ध्यान रखे कुछ नियम

आमलकी एकादशी व्रत विधिः

एकादशी के दिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर भगवान विष्णु एवं आंवले के वृक्ष की पूजा करें। अगर आंवले का वृक्ष उपलब्ध नहीं हो तो आंवले का फल भगवान विष्णु को प्रसाद स्वरूप अर्पित करें।

घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। जो लोग व्रत नहीं करते हैं वह भी इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु को आंवला अर्पित करें और स्वयं खाएं भी।

शास्त्रों के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन आंवले का सेवन भी पाप का नाश करता है।

 खाटू श्याम जी का प्रसिद्ध मेला  

राजस्थान के खाटू में बाबा श्याम की नगरी में भी फाल्गुन माह की शुक्ल एकादशी पर भव्य मेला भरता है जिसमे लाखो भक्त आते है . इसे यहा फल्गुन एकादशी , रंगभरी एकादशी के नाम से जानते है . भक्त यहा पद यात्रा करते है और गुलाल से होली खेलते हुए बाबा श्याम के जयकारे लगाते है . 

सारांश 

  1. तो यहाँ आपने जाना फाल्गुन शुक्ल एकादशी कब आ रही है और इसका क्या महत्व और महिमा है .  आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी

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