श्रावणी पूर्णिमा का महत्व और इसमे किये जाने वाले उपाय 

Sawan Poornima Importance : श्रावण माह की पूर्णिमा बहुत ही शुभ व पवित्र दिन माना जाता है | हिन्दू ग्रंथों में इस दिन किए गए तप और दान का महत्व उल्लेखित है | भाई बहिन को समर्प्रित पवित्र त्योहार  रक्षा बंधन (राखी ) भी इसी दिन मनाई जाती है | साथ ही श्रावणी उपक्रम भी इसी दिन से शुरू होता है जिसमे यज्ञोपवीत के पूजन तथा उपनयन संस्कार का विशेष विधान है | ब्राह्मण वर्ग कर्म शुद्दिकरण के लिए यह उपक्रम पूर्ण करते है |

सावन पूर्णिमा के उपाय

पुरे देश में इस दिन उत्सव

श्रावण पूर्णिमा के दिन पुरे भारत में अलग अलग रूपों में पर्व मनाये जाते है .  उत्तर भारत में जहा यह राखी के रूप में मनाई जाती है , तो दक्षिण भारत में नारियली पूर्णिमा और अवनी अवित्तम के रूप में जानी जाती है । मध्य भारत में इसे कजरी पूनम तो गुजरात में पवित्रोपना के रूप में मनाया जाता है।

2023 में श्रावणी पूर्णिमा

साल 2023 में श्रावणी पूर्णिमा 30 अगस्त को है। 

पूर्णिमा तिथि आरंभ – 30 अगस्त  (सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू )

पूर्णिमा तिथि समाप्त – 31  अगस्त  (सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक )

यहा ध्यान रखे कि सावन पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त को और पवित्र स्नान ,  दान दक्षिणा 31 अगस्त को की जाएगी . 

धर्म की राह पर क्या करे

इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के पश्चात गाय को चारा खिलाये चिंटियों, पक्षियों और मछलियों का भी पेट भरे |

रात को चन्द्र देवता की पूजा करे , उन्हें दूध से अर्ध्य दे | चन्द्र देव ( चंद्रमा ) की आरती उतारे कपूर और धुप से उतारे |

मान्यता है की इससे अशुभ ग्रह भी भी आपके पक्ष में सहयोग प्रदान करते है | दुर्भाग्य दूर होता है |

श्रावणी पूर्णिमा पर अमरनाथ यात्रा का समापन

पुराणों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री अमरनाथ यात्रा का समापन होता है और यह यात्रा श्रावण पूर्णिमा को संपन्न होती है| कांवडियों द्वारा श्रावण के अंतिम दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर इस साल की कांवड़ यात्रा पूर्ण की जाती है |

इस साल 2 है श्रावण पूर्णिमा 

बता दे कि साल 2023 में अधिकमास के कारण दो सावन पूर्णिमा का योग बना है . पहली पूर्णिमा अधिक मास की सावन पूर्णिमा थी जो 1 अगस्त को आ चुकी है और अब 30 अगस्त को दूसरी सावन पूर्णिमा है जिस दिन रक्षा बंधन का भी पर्व रहेगा .

श्रावण पूर्णिमा का महत्व 


इस दिन चंद्रमा अपनी पूरी 16 कलाओ से युक्त होता है . अत: इस दिन चन्द्र दोष वाले व्यक्ति यदि चंद्रमा की पूजा अर्चना करते है तो उनके चन्द्र दोष दूर होते है . पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण और लक्ष्मी जी की पूजा करने से जल्दी ही कृपा प्राप्त होती है . 

यह दिन तीर्थस्थलों के पवित्र स्नान , दान दक्षिणा का दिन माना गया है . 

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