गोवर्धन परिक्रमा का महत्व

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से 22 किमी की दूरी पर स्थित है श्री गोवर्धन पर्वत को गिरिराज जी महाराज भी कहा जाता है। ब्रज में स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने इन्द्र के बजाय इसकी पूजा करने की बात कही थी | तब इंद्र देव नाराज हो गये थे और ब्रज भूमि पर जमकर वर्षा कर दी |

गोवर्धन परिक्रमा


कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन को धारण कर ब्रजवासियों की रक्षा की | इंद्र को अपनी भूल का अहसास हुआ और तब से ही इस देवता तुल्य पर्वत गिरिराज जी महाराज की पूजा की जाने लगी | भक्त इनके चारो तरफ परिक्रमा देकर अपनी श्रद्धा दिखाते है | हालाकि एक श्राप के कारण गोवर्धन का आकार तिल तिल खत्म होता जा रहा है . 

गोवर्धन को यह श्राप ब्रज भूमि से अत्यंत प्रेम के कारण झेलना पड़ा वरना वो काशी में स्थापित हो जाता . 

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गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा

वैष्णव भक्तो के गोवर्धन की परिक्रमा का पौराणिक महत्व है। प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा तक लाखों भक्त यहां पहुंचकर गिरिराज जी महाराज की सप्तकोसी परिक्रमा करते हैं। मान्यता है की इस तपस्या रूपी समर्पण से उनकी सभी इच्छाए गोवर्धन महाराज पूरी करते है | प्रशासन ने बहुत अच्छी व्यवस्था कर रखी है |

यह पूरी परिक्रमा 7 कोस अर्थात लगभग 21 किलोमीटर है। परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, जातिपुरा, मुखार्विद मंदिर, राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लौठा, दानघाटी इत्यादि हैं। गोवर्धन में सुरभि गाय, ऐरावत हाथी तथा एक शिला पर भगवान कृष्ण के चरण चिह्न हैं।

कुछ भक्तो की श्रद्दा इतनी है की वे लेटते-लेटते या साष्टांग दण्डवत्‌ करते-करते परिक्रमा करते हैं जिसमे 1-2 सप्ताह तक का समय लग जाता है |

ऋषि के श्राप के कारण घट रहा है गोवर्धन

पांच हजार साल पहले यह गोवर्धन पर्वत 30 हजार मीटर ऊंचा हुआ करता था और अब शायद 30 मीटर ही रह गया है। पुलस्त्य ऋषि के शाप के कारण यह पर्वत एक मुट्ठी रोज कम होता जा रहा है। ऐसी भी मान्यता ही की जब कलियुग में यह पर्वत पूरा जमीन में समा जायेगा तब यह दुनिया खत्म हो जाएगी |

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गोवर्धन परिक्रमा से जुड़े प्रश्न उत्तर 

प्रश्न 1 : गोवर्धन परिक्रमा में कुल कितना किलोमीटर चलना पड़ता है ? 

उत्तर 1 : गोवर्धन परिक्रमा 21 किमी यानी की 7 कोस की यात्रा है जिसमे आपको 5 से 7 घंटे का समय लगता है . 

प्रश्न 2  : गोवर्धन परिक्रमा का कितना महत्व है ? 

उत्तर 2  : गोवर्धन परिक्रमा करने वाले को चार धाम की यात्रा के बराबर फल प्राप्त होता है . स्वयम श्री कृष्ण ने कहा है कि यह प्रकृति तुल्य है अत: इसकी पूजा हर किसी को करनी चाहिए . 

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प्रश्न 3  : गोवर्धन परिक्रमा के बीच में कौनसे मंदिर आते है 

उत्तर 3  : गोवर्धन परिक्रमा करने वाले व्यक्तियों को राह में बहुत से सुन्दर सुन्दर मंदिरों के दर्शन होते है . इसमे दान घाटी मंदिर मुख्य है , इसी से परिक्रमा शुरू होती है .  

प्रश्न 4  : सबसे ज्यादा गोवर्धन परिक्रमा किन दिनों में की जाती है ? 

उत्तर 4   : सबसे ज्यादा गोवर्धन परिक्रमा शुक्ल पक्ष एकादशी से लेकर पूर्णिमा के बीच की जाती है . 

प्रश्न 5  : मथुरा से गोवर्धन कितना दूर है ?  

उत्तर 5 :  मथुरा से गोवर्धन 25 किमी की दुरी पर भी है . 

प्रश्न 6  :  गोवर्धन परिक्रमा के लिए मुख्य दिन कौनसे है ?  

उत्तर 6 :  सबसे ज्यादा परिक्रमा वाले दिन है शरद पूर्णिमा और गोवर्धन पूजन दिवस 

प्रश्न 7  :  गोवर्धन पर्वत को किन नामो से जाना जाता है ?  

उत्तर 7 :  गोवर्धन पर्वत को गिरीराज , गोवर्धन सरकार , गिरीगोपाल आदि नामो से जाना जाता है . 

प्रश्न 8  :  किस ऋषि के श्राप के कारण गोवर्धन का आकार घट रहा है ?   

उत्तर 8 :  गोवर्धन पर्वत को ऋषि पुलस्त्य का श्राप प्राप्त है और इसका कारण उस पर्वत का ब्रज प्रेम है . 

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