आषाढ़ मास महत्व और इसमे आने वाले व्रत त्योहार
Aashad Maas Mahatav in Hindi . भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा से जुड़ा हुआ है आषाढ़ का महिना . यह महिना हिन्दू पंचांग के अनुसार चौथा महिना होता है जो जयेष्ट मास के बाद और श्रावण मास से पहले आता है . इस माह में सूर्य देव की पूजा करने से बाकी मासों की तुलना में कई गुणा फल मिलता है .
कब शुरू हो रहा है आषाढ़ मास
इस साल 2023 में आषाढ़ मास 5 जून सोमवार के दिन लग जायेगा .
सूर्य देव की पूजा और अर्ध्य का है विशेष महत्व
आषाढ़ मास में भगवान सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है . नित्य सूर्योदय से पूर्व उठाकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके सूर्य देव को जल से अर्ध्य देना चाहिए और सूर्य उपासना करनी चाहिए .
आषाढ़ मास में आने वाले व्रत और पर्व कौनसे है ?
देव शयनी एकादशी :- आषाढ़ मास में आने वाली एकदशी को देव शयनी एकादशी (हरिशयनी एकादशी ) कहा जाता है , कहते है इस दिन विष्णु भगवान चार माह के लिए सो जाते है . इसी दिन से चातुर्मास शुरू होता है . इस साल यह 29 जून को आ रही है .
जगन्नाथ रथ यात्रा :- ओड़िसा के पूरी में भगवान विष्णु का जगन्नाथ मंदिर है जहाँ इस मास में 20 जून 2023 को भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है . दुनिया भर से श्रद्दालु इस यात्रा में भाग लेने पूरी आते है . यह रथ यात्रा भारत की सबसे बड़ी रथ यात्रा में जानी जाती है .
गुप्त नवरात्रि :- साल में आने वाले चार नवरात्रि में से दो नवरात्रि को गुप्त माना गया है जिसमे एक आषाढ़ मास में आती है .
गुरु पूर्णिमा :- गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु की पूजा का दिन माना गया है , शिष्य अपने अपने गुरु की वंदना इस दिन करते है और गुरु को भेट देते है . इस साल 2023 में गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई सोमवार को पड़ रही है .
चातुर्मास :- चातुर्मास चार महीनो की वो अवधि होती है जिसमे भक्ति ,ध्यान और साधना में खुद को लगाया जाता है .इस चातुर्मास का पौराणिक महत्व अत्यंत बताया गया है . यह चातुर्मास आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लगता है और कार्तिक शुक्ल एकदशी तक चलता है .
इसमे आषाढ़ के कुछ दिन , सावन , भाद्रपद , आश्विन और कार्तिक मास आते है .
इसमे फर्श पर सोना और सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करना चाहिए . इस चार माह के लिए देवता भी सो जाते है अत: नव गृह प्रवेश , मांगलिक कार्य , जात जडूला नही किया जाता है .
सारांश
- तो दोस्तों आपने जाना कि आषाढ़ मास का हिन्दू धर्म में क्या महत्व है और इस मास में कौनसे व्रत , त्योहार और पर्व आते है और हमें इस मास में कौनसे काम नही करने चाहिए.
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