श्रीखंड महादेव यात्रा अमरनाथ से भी है कठिन

Shrikhand Mahadev Yatra पुरे भारत देश में भगवान शिव के कई धाम है जहा वर्ष भर यात्री दर्शन हेतु जाते है | अमरनाथ , कैलाश मानसरोवर की तरह यहा की यात्रा में अति दुर्लभ है | यहा पर स्थित शिवलिंग 72 फीट ऊँचा है | यात्रा अति कठिन है इसलिए नौजवान ही दर्शन करने आते है |

shrikhand mahadev yatra

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क्यों श्रीखंड महादेव यात्रा है बहुत कठिन 

यह मंदिर देवभूमि हिमाचल के कुल्लू जिले में श्रीखंड महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है जो 18000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर है जबकि अमरनाथ यात्रा फिर भी 14000 फीट की ऊंचाई पर है .  यहा शिव के दर्शन करना यहा बड़ा दुर्लभ है , दर्शन करने के लिए 25 किमी की सीधी चढ़ाई करनी पड़ती है | इस चढाई में बहुत से भक्तो की मौत भी हो चुकी है |

shrikhand mahadev shivling


इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन भी कम हो जाती है जिससे सांस लेना भी कठिन हो जाता है | इस पहाड़ पर ना केवल शिवलिंग है बल्कि कुछ कुछ दुरी पर माँ पार्वती , नंदी , गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमा भी है |

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जाने इस शिवलिंग की कथा :

ऐसा बताया जाता है की इस जगह भस्मासुर राक्षस को भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धर के नृत्य करते करते यही उसके हाथो भस्म करा दिया था | आज भी दूर से इस जगह को देखने पर यह लाल रंग की दिखाई देती है | यह लाल रंग भस्मासुर के अग्नि में जलते शरीर का है . 

कैसे जाए श्रीखंड महादेव 

श्रीखंड महादेव शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आपको हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में जाना पड़ेगा . कुल्लू से श्री खंड महादेव 60 किमी की दुरी पर है .

निकटतम रेलवे स्टेशन: जौन गांव से लगभग 178 किलोमीटर की दूरी पर शिमला रेलवे स्टेशन।

निकटतम हवाई अड्डा: शिमला हवाई अड्डा जौन गाँव से लगभग 189 किलोमीटर की दूरी पर है।

सड़क मार्ग से:   शिमला से जौन गांव की दूरी करीबन  179 किमी और जौन गांव इस यात्रा की शुरुआत का स्टार्टिंग पॉइंट है . 

कब की जाती है श्रीखंड महादेव यात्रा 

यहा भी यात्रा पुरे वर्ष भर नही बल्कि सिर्फ कुछ महीनो के लिए ही की जाती है . यह समय है जुलाई के आस पास का .  सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही यात्रा करने की परमिशन दी जाती है.  यह लगभग सावन मास के करीब का ही समय होता है . 

यात्रा की शुरुआत आपकी जोन गाँव से होती है , इसके 3 किमी के बाद आता है सिंगघ जहा आप ठहर कर आराम कर सकते है . यहा आपको कैंप मिल जायेंगे . इसके बाद फिर 12 किमी तक सीधी चढ़ाई है , इसके बाद थाचुरू . यहा भी कैंप लगते है . फिर 3 किमी के बाद कालीघाटी आती है जो देवी माँ काली का स्थान माना जाता है . 

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इसके बाद 7 किमी की दुरी पर है भीम डावरी . फिर 2 किमी के बाद पर्वत बाग़ और इसके बाद 5 किमी के बाद आएगा श्रीखंड महादेव . 

कैसा है रास्ता : यह सबसे खतरनाक पहाड़ी ट्रैक है , बहुत ही संभल कर चलना पड़ता है . मोटे मोटे पत्थर पर सहारा लेकर हाथ बढाकर आगे बढ़ना पड़ता है . जितनी सुन्दर यह यात्रा है उतनी ही कठिन श्रीखंड महादेव की यात्रा है . 

कौन जा सकता है ? यहा 18 साल से छोटे और 60 साल से बड़े व्यक्ति नही जा सकते है . 


श्रीखंड महादेव यात्रा का रजिस्ट्ररेशन कैसे करे 

श्रीखडं महादेव यात्रा पर यदि आप जाना चाहते है तो जरुरी बाते हम आपको यहा बताने जा रहे है . यह यात्रा हिमाचल सरकार द्वारा संचालित होती है और इसमे 10 दिन तक लग जाते है . 

ऑफिसियल वेबसाइट :- https://shrikhandyatra.hp.gov.in

अभी साल 2023 का रजिस्ट्ररेशन शुरू नहीं हुआ है पर जल्दी ही यह शुरू हो जायेगा . ऊपर हमने आपको लिंक दे दिया है जिस पर जाकर उचित जानकारी ले सकते है . 

🔵 यहा पंजीयन फीस पर मेम्बर 200 रुपए है . 

🔵 व्यक्ति की आयु 18 से 60 वर्ष की होनी चाहिए . 

🔵 यात्रा का इच्छुक  स्वास्थ्य के नजरिये से फीट होना चाहिए . 

🔵 आपको अपना चिकित्सा प्रमाण पत्र साथ लाना है जिससे की आपकी हेल्थ रिपोर्ट का पता चल जाये . 

श्रीखंड शिवलिंग से जुड़े मुख्य प्रश्न उत्तर 

प्रश्न 1 : श्रीखंड महादेव शिवलिंग कहाँ है ? 

उत्तर 1 : श्रीखंड महादेव शिवलिंग हिमाचल प्रदेश में कुल्लू से 60 किमी की दुरी पर है . 

प्रश्न 2 :  श्रीखंड महादेव की यात्रा इतनी कठिन क्यों है  ? 

उत्तर 2 : श्रीखंड महादेव  की यात्रा एक बहुत ही दुर्गम चढ़ाई पर है जिस पर सिर्फ चलकर ही जाया जा सकता है . इसके लिए आपको 25 किमी की चढ़ाई करनी पड़ती है . 

प्रश्न 3 :  श्रीखंड महादेव की यात्रा कब की जाती है   ? 

उत्तर 3 : श्रीखंड महादेव  की यात्रा  जुलाई से अगस्त माह के बीच में की जाती है . यह यात्रा हिमाचल सरकार के द्वारा आयोजित होती है जिसमे आपको पहले रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है और आप स्वास्थ्य के नजरिये से स्वस्थ भी होने चाहिए . 

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सारांश 

  1. तो दोस्तों आपने जाना कि श्रीखंड महादेव यात्रा के क्या महत्व है और यह कैसे की जा सकती है . इस यात्रा पर जाने वालो को किन बातो का ध्यान रखना चाहिए साथ ही कैसे हम इस यात्रा के लिए पंजीयन करा सकते है . 

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